Maharashtra Board SSC Class 10 Hindi Composite Sample Paper Set 1 with Answers Solutions Pdf Download.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Composite Model Paper Set 1 with Answers
[Time: 2 Hours]
[Max. Marks: 50]
सूचनाएँ –
(1) सूचनाओं के अनुसार गद्य, पद्य, भाषा अध्ययन (व्याकरण) की कृतियों में आवश्यकता के अनुसार आकृतियों में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।
(2) सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें।
(3) रचना विभाग (उपयोजित लेखन) में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है।
(4) शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
विभाग 1 – गद्य : 12 अंक
प्रश्न 1.
(अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
धीरे-धीरे गाँववालों को खोए हुए आदमी के कई गुणों के बारे में पता चलने लगा। वह पशु-पक्षियों से बातें करता प्रतीत होता। लगता था जैसे वह पशु-पक्षियों की भाषा जानता हो। वह आँधी, तूफान, चक्रवात आने, ओले पड़ने या टिड्डियों के हमले के बारे में गाँववालों को पहले ही आगाह कर देता। उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँव वाले मुसीबतों से बच जाते। जब एक बार गाँव में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई तो खोए हुए आदमी| ने आकाश की ओर देखकर न जाने किस भाषा में देवता से प्रार्थना की। कुछ ही समय बाद गाँव में मूसलाधार बारिश होने लगी। सूखी-प्यासी मिट्टी तृप्त हो गई। बच्चे-बड़े सभी इस झमाझम बारिश में भीगने का भरपूर आनन्द लेने लगे। उस दिन से खोया हुआ आदमी गाँव में सबका चहेता हो गया।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए-
(3) बारिश में भीगने का अनुभव 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
मंत्री: महाराज, लोगों की पहली शिकायत यही है कि पानी अब निर्मल नहीं रहा है। यह नदियों और गह्वरों में बहते समय गंदगी और बीमारियाँ अपने साथ बहाकर सब जगह पहुँचा देता है।
पानी: महाराज, ये लोग पहले की तरह पानी की रखवाली नहीं करते हैं। पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं। पशु अपनी गंदगी तालाब में छोड़ जाते हैं। गाँव की दूसरी गंदगी भी तालाब में फेंक दी जाती हैं। नदियों में कारखानों की गंदगी व शहर के गंदे नाले का पानी छोड़ा जाता है। महाराज, मैं अपने आप गंदा नहीं होता। मुझसे शिकायत करने वाले ही गंदा और दूषित करते हैं।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए-
(2) (i) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं।
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में आए विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
(1) महारानी……………..
(2) साफ……………..
(3) जल प्रदूषण कम करने के उपाय 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
(3) बारिश सभी मौसमों का राजा है। बारिश की बूँदें जब शरीर पर पड़ती हैं तो एक हल्की गुदगुदाहट से पूरा तन-मन झंकृत हो जाता है। रंग-बिरंगी छतरी व इस मौसम के फूल समस्त वातावरण को दर्शनीय बना देते हैं। भीगे कपड़ों का शरीर पर ही सूख जाना एक अलग अहसास प्रदान करता है।
(आ) (1)
(2) (i) पशु को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं।
(ii) (1) महाराज, (2) गंदा
(3) जल प्रदूषण कम करने के निम्नलिखित उपाय हैं-
(i) कारखानों के गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट करना।
(ii) पशुओं को तालाब में नहीं नहलाना।
(iii) रासायनिक खाद का प्रयोग कम करना।
विभाग 2 – पद्य : 8 अंक
प्रश्न 2.
(अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।।
कस्तूरी कुंडल बसै गदै वन माहि
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं।।
जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
जो बौरा डूबन डरा रहा किनारे बैठ।।
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोउ तू फूल।
फूलको फूल है, बाको है तिरसूल।।
(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए-
अ | उत्तर | आ |
कस्तूरी | – | परमात्मा |
काँटा | – | फूल |
लाल | – | मृग |
बौरा | – | पानी |
किनारा |
(2) अन्तिम दो पक्तियों के लिए 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
सुरभित, सुंदर, सुखद, सुमन तुझ पर खिलते हैं,
भाँति-भाँति के सरस, सुधोपन फल मिलते हैं।
औषधियाँ हैं प्राप्त एक-से-एक निराली,
खानें शोभित कहीं धातु वर रत्नोंवाली।
जो आवश्यक होते हमें मिलते सभी पदार्थ हैं।
हे मातृभूमि वसुधा-धरा, तेरे नाम यथार्थ हैं।।
(1) संजाल पूर्ण कीजिए
(2) अन्तिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
(अ) (1)
अ | उत्तर | आ |
कस्तूरी | मृग | परमात्मा |
काँटा | फूल | फूल |
लाल | परमात्मा | मृग |
बौरा | किनारा | पानी |
किनारा |
(2) प्रस्तुत दोहा संत कबीर दास द्वारा रचित ‘जिन ढूँढ़ा’ से लिया गया है जो कि ‘बीजक’ नामक संग्रह का भाग है। इस दोहे में वे ईश्वर के ज्ञान के प्रकाश के महत्त्व का उल्लेख करते हैं। उनके अनुसार सारी भक्ति, संसार व ज्ञान यह सब ईश्वर की ही देन है, जिसकी मैं पूजा करता हूँ मैं जिधर भी देखता हूँ उधर ही मेरे ईश्वर नजर आते है। मेरें ईश्वर (लाल) का वास छोटे से कण व सूक्ष्म से सूक्ष्म जीवों में भी है। इसलिए उस ज्ञान अथवा प्राण अथवा जीव को देखने पर ही मुझे अपने लाल के दर्शन हो जाते हैं। स्वयं मेरे में भी मुझे प्रभु का वास महसूस होता है।
(आ) (1)
(2) प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ कवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘मातृभूमि’ से ली गयी हैं कवि के अनुसार हमारी मातृभूमि में एक से एक निराली औषधियाँ विद्यमान हैं। हमारी धरा की खानें कई प्रकार की धातुओं व रत्नों से सुशोभित हैं। हमारी मातृभूमि में आवश्यकतानुसार | | वे सभी पदार्थ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए है धरती माँ, हे मातृभूमि, हे वसुधा यह सब तेरे नाम यथार्थ है अर्पित जैसा वर्णित है वैसा ही दिखाई देता है।
विभाग 3 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) 8 अंक
प्रश्न 3.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए-
(1) मानक वर्तनी के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
(i) विडंबना, विडंबना, विडम्बना, वीडंबना
(ii) मात्रुभूमी, मातृभूमि मातृभुमि मात्रीभूमि
(2) निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए-
(i) क्योंकि, (ii) ऊपर
(3) कृति पूर्ण कीजिए-
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | भेद |
निष्कलंक | ———— | ———— |
———— | सत् + जन | ———— |
(4) मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए-
जान हथेली पर रखना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए-
(यादों में जाग उठना, पुलकित हो जाना)
अपने मित्र को देखकर सुरेश आनंदित हुआ।
(5) काल भेद पहचानना तथा काल परिवर्तन करना:
(i) निम्नलिखित वाक्य का काल भेद पहचानिये:
उन्हें सिरदर्द हुआ था
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए।
1. मैं निबंध लिखता हूँ। (साधारण भविष्यकाल)
2. जग में सब सुखी हैं। (प्रश्नार्थक वाक्य)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन:
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए।
वह बचपन के अपने कमरे में घुसा।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए:
यह पैतृक बीमारी केवल आपको है। (प्रश्नार्थक वाक्य)
उत्तर:
(1) (i) विडंबना
(ii) मातृभूमि।
(2) (i) राम स्कूल नहीं जा सका क्योंकि वह बीमार है।
(ii) पतंग ऊपर जा रही थी।
(3)
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | भेद |
निष्कलंक | निः + कलंक | विसर्ग सन्धि |
अथवा | ||
सज्जन | सत् + जन | व्यंजन सन्धि |
(4) जान हथेली पर रखना – मरने के लिए तैयार रहना।
स्वतन्त्रता सेनानियों ने जान हथेली पर रखकर हमें आजादी दिलाई।
अथवा
अपने मित्र को देखकर सुरेश पुलकित हो गया।
(5) (i) पूर्ण भूतकाल
(ii) 1. मैं निबंध लिखूँगा।
2. क्या जग में सब सुखी हैं?
(6) (i) मिश्रित वाक्य
(ii) क्या यह पैतृक बिमारी केवल आपको है?
विभाग 4 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना – आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है।
प्रश्न 4.
सूचनाओं के अनुसार लिखिए।
(अ) (1) पत्र – लेखन
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र – लेखन तैयार कीजिए-
अथवा
सुभाष/सुषमा देशपांड, 47 हेमकुंज, 7 शनिवार पेठ, नागपुर से मैनेजर, देना बैंक, लक्ष्मी भवन, पुणे को लिपिक की नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र लिखता/लिखती है।
(2) कहानी – लेखन:
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 60 से 70 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
मनोज का रिक्शा से मंडी जाना – जल्दबाजी में बटुआ रिक्शे में भूलना – थोड़ी सब्जी लेकर घर लौटना – तनाव में -रात नौ बजे – दरवाजे पर रिक्शेवाले की दस्तक – पता ढूँढ़ते घर आना और बटुआ लौटाना। – शीर्षक
अथवा
गद्य – आकलन (प्रश्न निर्मित):
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों।
नारियल की खेती हमारे देश में लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती है। देश के चार दक्षिणी प्रदेश केरल, कर्नाटक, | तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश में नारियल की सघन खेती की जाती है। देश का 90 प्रतिशत तक नारियल यहीं से प्राप्त किया जाता है। यह नमकीन मिट्टी में समुद्र के किनारे उगाया जाता है। जब नारियल कच्चा और हरा होता है, तब इसमें पानी भरा होता है। यह नारियल पानी पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक होता है। गरमी के मौसम में नारियल पानी पीकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं। जब नारियल पकता है, तो इसके अंदर से सफेद नारियल का फल प्राप्त होता है। यह पूजा में काम आता है। सफेद नारियल हम कच्चा भी खाते हैं, मिठाई और कई पकवान बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। नारियल के रेशों से गद्दे, थैले तथा और भी कई प्रकार की उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं।
(आ) निबंध लेखन
निम्नलिखित विषयों में से लगभग किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए:
(1) मेरे प्रिय साहित्यकार
(2) घायल सैनिक की आत्मकथा
उत्तर:
(अ) (1) दिनांक : 03 जुलाई, 20XX
सेवा में,
श्रीमान आयुक्त,
महानगरपालिका, अकोला।
विषय : अपने परिसर में अनियमित जल आपूर्ति के सम्बन्ध में।
महोदय,
मैं आपके महानगरपालिका के वार्ड नम्बर एक (नॉर्थ) का स्थायी निवासी हूँ।
इस वार्ड में जल आपूर्ति की कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण यहाँ के लोगों को टैंकर के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। गर्मी के दौरान यह समस्या और भी भीषण हो जाती है।
यदि, इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्य हो, तो हम सभी इससे लाभान्वित होंगे। आशा है आप उपर्युक्त विषय पर ठोस कार्रवाई कर हम सभी की समस्या का निदान करेंगे।
सधन्यवाद,
भवदीय,
हस्ताक्षर/________
विजय कुमार, वार्ड नं. एफ (नॉर्थ), अकोला।
अथवा
सुभाष/सुषमा देशपांडे,
47 हेमकुंज,
7 शनिवार पेठ,
नागपुर।
20 ऑगस्ट, 20XX
प्रति, मैनेजर, देना बैंक,
लक्ष्मी भवन, पुणे।
विषय : लिपिक की नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र|
महोदय
दिनांक 15 ऑगस्ट, 20XX के दैनिक ‘सकाल’ में आपके बैंक की ओर से ‘लिपिक’ पद के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था उसी के संदर्भ में मैं प्रार्थना पत्र भेज रहा/रही हूँ।
विज्ञापन के अनुसार मैं ‘लिपिक’ पद के लिए सारी अर्हतायें पूर्ण करता/करती हूँ।
योग्यता व अनुभव निम्न प्रकार से हैं।
(i) बी.ए. व अनुभव निम्न प्रकार से हैं। 2012
(ii) कंप्यूटर डिप्लोमा पुणे विश्वविद्यालय 2013
(iii) निजी कंपनी ‘देसाई एंड सन्स’ में 2013 से
(iv) उम्र 24 साल, अविवाहित
(v) एक भाई, एक बहन, पिता निजी संस्था में कार्यरत।
यदि मुझे आपकी संस्था में सेवा करने का अवसर दिया गया तो मैं पूरी ईमानदारी और लगन से काम करूँगा/करूँगी।
उत्तर की प्रतीक्षा में।
आपका/आपकी विश्वासी,
हस्ताक्षर
सुभाष/सुषमा देशपांडे
संलग्न : प्रमाणित प्रतिलिपियाँ
- बी. ए. परीक्षा उर्त्तीण करने का प्रमाण पत्र|
- कम्प्यूटर डिप्लोमा परीक्षा उर्त्तीण करने का प्रमाण पत्र।
- ‘ईसाई एंड संस’ संस्थान का अनुभव प्रमाण पत्र।
(2) ईमानदारी
सुबह ही मनोज को मंडी जाना था, परन्तु उसे घर से निकलने में ही देर हो गयी। वह बड़ी तेजी से मंडी जाना चाहता था। उसने एक रिक्शा लिया और चल पड़ा, संयोगवश उनका बटुआ रिक्शे में गिर पड़ा, परन्तु इसका उसे कोई ध्यान नहीं रहा। जब उसने मंडी पहुँचकर कुछ खरीदारी के पैसे चुकाने चाहे तो उसे मालूम हुआ कि उसका बटुआ कहीं खो गया है। लिहाजा वह कुछ सब्जी ही ले पाया और अनमने मन से अपने घर पहुँचा। रात में किसी तरह रिक्शावाला उसका पता पूछते-पूछते घर पर आया और उसका बटुआ लौटाया, बटुआ पाकर मनोज बेहद खुश हुआ, उसे लगा कि सचमुच ईमानदारी आज भी जिंदा है।
अथवा
- नारियल की खेती कितने लोगों को रोजगार देती है?
- देश में नारियल की खेती कहाँ-कहाँ की जाती है?
- नारियल में पानी कब भरा होता है?
- नारियल किस रूप में काम आता है?
(आ) (i) मेरे प्रिय साहित्यकार
भारत में कई साहित्यकारों ने जन्म लिया पर मुझे सर्वाधिक रूप से सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी बेहद पसन्द हैं। उनकी अनेक रचनाएँ जीवन यथार्थ को खुलकर उजागर करती हैं। साहित्य और समाज की सोच को वह खुले तौर पर इंगित करते हैं।
देश-प्रेम की रचना हो या स्वयं भोगे गये कष्ट की विवेचना, वह इसके विश्लेषण में पूरे खरे उतरते हैं। देश की दशा, नारियों की स्थिति, प्रकृति से जुड़ाव, समाज की सोच का यह महान रचनाकार जीवन भर अपने कष्टों से जूझता रहा, परन्तु इन्होंने अपनी हार नहीं मानी। ऐसे साहित्यकार की उपेक्षा करना किसी भी समाज व राज्य के लिए अहितकर ही है। हमें चाहिए कि हम इस साहित्यकार को उचित सम्मान देना सीखें। एक व्यक्ति व एक समाज के रूप में इनकी रचनाएँ अनमोल हैं।
(ii) घायल सैनिक की आत्मकथा
मैं भारतीय थल सेना का जवान हूँ। नाम है- राजीव सिंह। मैं आगरा के गाँव में जन्मा तथा आगरा के सैनिक स्कूल में पढ़ा। जब मैं अठारह वर्ष का हुआ, मेरे पिता ने मुझे थल सेना में भर्ती करा दिया हमारी किसी साँस का भरोसा नहीं। मौत हर दम हमारे सामने नाचती है। किंतु हम दीवाने उससे खेल खेलते हैं।
युद्ध में घायल होने के बाद तड़पता और अपने-आप से पूछता हूँ अपने जीवन में क्या-क्या किया? अब, मैं बुरी तरह से घायल अपने परिवार, मित्रों को याद करता हूँ, उन्हें यह आशा भी नहीं रहती की मैं अब आगे का जीवन जी सकूँगा या नहीं।
मैं सोचता हूँ की काश! अपने पैरों से चलकर अपने कैंप तक पहुँच पाता, घायलावस्था में अपने आप को देखता हूँ की अब भी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकता हूँ। अनुशासन और कर्त्तव्य हमारा धर्म । चाहे काँटें हों या फूल, पत्थर हों या धूल, मुझे देश सेवा में जुटना ही है। मेरे जीवन की एक ही आकांक्षा है-ना चाहूँ मान दुनिया में, न चाहूँ स्वर्ग को जाना। यही वर दो मुझे माता, रहूँ भारत का दीवाना॥