Maharashtra Board SSC Class 10 Hindi Sample Paper Set 5 with Answers Solutions Pdf Download.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Model Paper Set 5 with Answers
Time: 3 Hours
Total Marks: 80
सूचनाएँ:
1. सूचनाओं के अनुसार गद्य, पद्य, पूरक पठन तथा भाषा अध्ययन (व्याकरण) की आकलन कृतियों में आवश्यकता के अनुसार आकृतियों में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।
2. सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें।
3. रचना विभाग में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है।
4. शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
विभाग 1 – गद्य : 20 अंक
प्रश्न 1.
(अ) निम्नलिखित पठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [8]
मुहल्लेवाले अपनी फुरसत से आते हैं। उस दिन जब सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी। आते ही उन्होंने मेरी ओर इशारा करते हुए बच्चों से कहा- “ये देखो चाचा जी!” उनका अंदाज कुछ ऐसा था जैसे चिड़ियाघर दिखाते हुए बच्चों से कहा जाता है- “ये देखो बंदर।” बच्चे खेलने लगे। एक कुर्सी पर चढ़ा तो दूसरा मेज पर सोनाबाई की छोटी लड़की दवा की शीशी लेकर कथकली डांस करने लगी। रप-रप की आवाज ने मेरा ध्यान बँटाया। क्या देखता हूँ की सोनाबाई का एक लड़का मेरी टाँग के साथ लटक रही रेती को थैली पर बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रहा है। मैं इसके पहले कि उसे मना करता, सोनाबाई की लड़की ने दवा की शीशी पटक दी। सोनाबाई ने एक पल लड़की को घूरा, फिर हँसते हुए बोली- “भैया, पेड़े खिलाओ, दवा गिरना शुभ होता है। दवा गई समझो बीमारी गई।” इसके दो घंटों बाद सोनाबाई गई, यह कहकर कि फिर आऊँगी मैं भीतर तक काँप गया। |
1. संजाल पूर्ण कीजिए: (2)
2. i. सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: (1)
1. सोनाबाई अपने ________ बच्चों के साथ आई । (दो/ तीन/चार)
2. सोनाबाई की लड़की ने ________ की शीशी पटक दी। (दवा/ नमक / दूध)
ii. एक शब्द में उत्तर लिखिए: (1)
1. कौन अपनी फुरसत से आते हैं?
2. सोनाबाई की लड़की कौन-सा नृत्य करने लगी?
3. i. चौखट में दी गई सूचना के अनुसार कृति पूर्ण कीजिए: (1)
ii. निम्नलिखित शब्दों से कृदंत बनाइए
1. करना
2. गिरना
4. ‘दुर्घटना का कारण लापरवाही या संयोग, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [8]
आम तौर से माना जाता है कि रुपया, नोट या सोना चाँदी का सिक्का ही संपत्ति है, लेकिन यह ख्याल गलत है क्योंकि ये तो संपत्ति के माप-तौल के साधन मात्र हैं। संपत्ति तो वे ही चीजें हो सकती हैं जो किसी-न-किसी रूप में मनुष्य के उपयोग में आती हैं। उनमें से कुछ ऐसी हैं जिनके बिना मनुष्य जिंदा नहीं रह सकता एवं कुछ सुख-सुविधा और आराम के लिए होती है। अन्न, वस्त्र और मकान मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएं है, जिनके बिना, उसकी गुजर बसर नहीं हो सकती। इनके अलावा दूसरी अनेक चीजें हैं जिनके बिना मनुष्य रह सकता है।
प्रश्न उठता है कि संपत्तिरूपी ये सब चीजें बनती कैसे हैं? सृष्टि में जो नानाविध द्रव्य तथा प्राकृतिक साधन हैं, उनको लेकर मनुष्य शरीर श्रम करता है, तब यह काम की चीजें बनती हैं। अत: संपत्ति के मुख्य साधन दो हैं: सृष्टि | के द्रव्य और मनुष्य का शरीर श्रम। |
1. संपूर्ण कीजिए: (2)
2. उत्तर लिखिए:
i. मनुष्य की दो प्राथमिक आवश्यकताएँ – (1)
अ. ________
ब. ________
ii. संपत्ति के दो मुख्य साधन – (1)
अ. ________
ब. ________
3. i. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए: (1)
1. संपत्ति
2. चीज
ii. निम्नलिखित तद्धित शब्दों के मूल शब्द लिखिए: (1)
1. प्राथमिक
2. प्राकृतिक
4. मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के संदर्भ में अपने विचार लिखिए। (2)
(इ) निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [4]
हिंदू धर्म में प्रयाग का एक विशेष महत्त्व है। उत्तर प्रदेश में स्थित यह स्थान तीर्थों का राजा प्रयागराज के नाम से विख्यात है। धार्मिक ग्रंथों में नामकरण के संदर्भ में लिखा है कि पृथ्वी से पाप को खत्म कर उसे बचाने के लिए ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने मिलकर यहाँ बहुत बड़ा यज्ञ किया था। त्रिदेवों के आशीर्वाद से यहाँ अक्षयवट उत्पन्न हुआ। जनश्रुतियों की माने तो औरंगजेब ने इस वटवृक्ष जो अक्षयवट के नाम से जाना जाता है, उसे नष्ट करने का कई बार प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। यह वृक्ष आज भी प्रयाग में खड़ा है। यहाँ तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम होता है। इसी संगम पर महाकुंभ का मेला लगता है। यहाँ त्रिवेणी के संगम में स्नान कर इंसान की आत्मा पवित्र हो जाती है और अदभुत आध्यात्मिक सुख प्राप्त होता है यहाँ अनगिनत मंदिर हैं, इनमें अलोपी देवी मंदिर, नाग वासुकी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, ललिता मंदिर तक्षकेश्वरनाथ मंदिर व भगवान हनुमान जी का भी एक प्राचीन मंदिर शामिल है। कहा जाता है कि अकबर ने अपने शासनकाल में इस स्थान का नाम बदलकर इलाहाबाद रखा था और तभी से प्रयाग को इलाहाबाद के नाम से ख्याति मिली। |
1. संपूर्ण कीजिए: (2)
2. प्रयाग जैसे ही किसी तीर्थस्थल के बारे में आठ से दस वाक्य लिखिए। (2)
उत्तर:
(अ)
1. परिच्छेद में आई वस्तुओं के नाम
2. i. 1. सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई।
2. सोनाबाई की लड़की ने दवा की शीशी पटक दी।
ii. 1. मुहल्लेवाले
2. कथकली
3. i.
ii. 1. करनी
2. गिरावट
4. वह घटना जिससे हमें नुकसान होता है, वह हमारे लिए दुर्घटना बन जाती है। अक्सर हमारी लापरवाही के कारण ही हमारे साथ दुर्घटना होती है। कभी-कभी दूसरों की लापरवाही के कारण भी हमारे साथ दुर्घटना हो सकती है। मान लें कि फुटपाथ पर चल रहे व्यक्ति को ट्रकवाले ने टक्कर मार दी। इस दुर्घटना का पहला कारण ट्रक चालक का शराब पीने के कारण गाड़ी पर नियंत्रण खोना, ट्रक में तकनीकी समस्या आना (ब्रेक फेल) और तीसरा कारण सड़क पार करते हुए व्यक्ति को बचाने की कोशिश भी हो सकती है। अतः स्थिति को देख-समझकर ही यह बताया जा सकता है कि दुर्घटना का कारण लापरवाही है या संयोग।
(आ)
1. संपत्ति के माप-तौल के साधन
2. i. अ. अन्न
ब. वस्त्र
ii. अ. सृष्टि के द्रव्य
ब. मनुष्य का शरीर श्रम
3. i. 1. संपत्तियाँ
2. चीजें
ii. 1. प्रथम
2. प्रकृति
4. भोजन, कपड़ा और मकान मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं। बिना भोजन किए मनुष्य ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकता। अतः शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रतिदिन भोजन करना चाहिए। भोजन की तरह कपड़ा और मकान भी मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं। सर्दी-गर्मी, धूप-छाँव आदि से बचने और समाज में रहने के लिए कपड़ा पहनना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही मनुष्य को रहने के लिए मकान की भी आवश्यकता है। अत: समाज में रहने व जीने के लिए मनुष्य की इन तीन प्राथमिक आवश्यकताओं का पूरा होना जरूरी है।
(इ)
1. परिच्छेद में आए भगवानों के नाम
2. नासिक शहर प्रमुख रूप से महाराष्ट्र में स्थित हिंदुओं का एक प्रमुख पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। भगवान श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण ने यहाँ काफी दिनों तक निवास किया था । यह स्थल पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम स्थल भी माना जाता है। यहाँ अनेक तीर्थ विद्यमान हैं। यहाँ प्रत्येक बारह वर्ष के पश्चात कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इस कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और गोदावरी नदी के पवित्र जल में स्नान करते हैं । गोदावरी नदी के तट पर बने घाट बहुत ही सुंदर व स्वच्छ हैं। यहाँ हिंदू धर्म के कई मंदिर बने हैं, जिनके दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
विभाग 2- पद्य : 12 अंक
प्रश्न 2.
(अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो, शौक दिखने का है तो फिर नींव के अंदर दिखो। चल पड़ी तो गर्द बनकर आस्मानों पर लिखो, और अगर बैठो कहीं तो मील का पत्थर दिखो। सिर्फ देखने के लिए दिखना कोई दिखना नहीं, आदमी हो तुम अगर तो आदमी बनकर दिखो। जिंदगी की शक्ल जिसमें टूटकर बिखरे नहीं, पत्थरों के शहर में वो आईना बनकर दिखो। आपको महसूस होगी तब हरइक दिल की जलन, जब किसी धागे सा जलकर मोम के भीतर दिखो। |
1. ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों : (2)
1. स्वर्णिम
2. आसमान
2. निम्नलिखित शब्दों के लिए पदयांश में आए शब्द लिखिए: (1)
1. मात्र
2. दर्पण
ii. निम्नलिखित शब्दों से तक्षित बनाइए: (1)
1. पत्थर
2. शहर
3. पद्यांश की प्रथम दो पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [6]
वे उद्घांत होकर बोले, यह बताओ तुम्हारे नोट कहाँ हैं? परीक्षा से एक महीने पहले करूँगा तैयार वे गरजकर बोले, हमारा मतलब आपकी मुद्रा से है मैं लरजकर बोला, मुद्राएँ आप मेरे मुख पर देख लीजिए, वे खड़े होकर कुछ सोचने लगे फिर शयन कक्ष में घुस गए और फटे हुए तकिए की रूई नोचने लगे उन्होंने टूटी अलमारी को खोला रसोई की खाली पीपियों को टटोला बच्चों की गुल्लक तक देख डाली पर सब में मिला एक ही तत्त्व खाली… कनस्तरों को मटकों को ढूंढा सब में मिला शून्य ब्रह्मांड |
1. संपूर्ण कीजिए: (2)
2. i. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए: (1)
1. मुख
2. कक्ष
ii. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए: (1)
1. मुद्राएँ
2. तकिए
3. पद्यांश की अंतिम पाँच पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
(अ) 1.
1. कैसा शिखर बनने की अपेक्षा नींव के अंदर दिखना श्रेष्ठ है?
2. पद्यांश में गर्द बनकर किस पर लिखने के लिए कहा गया है?
2. i. 1. सिर्फ
2. आईना
ii. 1. पथरीला
2. शहरी
3. कवि कहते हैं कि जीवन की सार्थकता सिर्फ स्वर्णिम शिखर बनने में ही नहीं है, बल्कि किसी शिखर की नींव बनने में भी है। कवि के अनुसार बड़ी-से-बड़ी इमारत की बुनियाद नींव के मजबूत पत्थरों पर टिकी रहती है। अतः हमें भी सदैव नींव का वह मजबूत पत्थर अर्थात आधार बनना चाहिए जो कइयों को ऊँचाई तक पहुँचा सके और उसे सँभाले रखे, क्योंकि शिखर का अस्तित्व तभी तक है जब तक उसकी नींव सुरक्षित है।
(आ)
1.
2. i. 1. मुँह
2. कमरा
ii. 1. मुद्रा
2. तकिया
3. छापा मारनेवालों ने कवि के घर में रखी टूटी अलमारी को खोलकर उसकी तलाशी ली। जब उन्हें उसमें कुछ नहीं मिला, तो वे रसोईघर में पहुँच गए। वहाँ रखी खाली पीपियों को उन्होंने खोलकर देखा, बच्चों की गुल्लक भी खोलकर देखी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने घर में रखे कनस्तरों व मटकों की भी तलाशी ली, लेकिन उनमें भी कुछ नहीं था । कवि के पूरे घर में छापा मारनेवालों को कुछ भी नहीं मिला।
विभाग 3 – पूरक पठन : 8 अंक
प्रश्न 3.
(अ) निम्नलिखित पठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [4]
जिस गली में आजकल रहता हूँ-वहाँ एक आसमान भी है लेकिन दिखाई नहीं देता। उस गली में पेड़ भी नहीं हैं, न ही पेड़ लगाने की गुंजाइश ही है। मकान ही मकान हैं। इतने मकान कि लगता है मकान पर मकान लदे हैं। लंद फंद मकानों की एक बहुत बड़ी भीड़, जो एक संकरी गली में फँस गई और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। जिस मकान में रहता हूँ, उसके बाहर झाँकने से ‘बाहर’ नहीं सिर्फ दूसरे मकान और एक गंदी व तंग गली दिखाई देती है। चिड़ियां दिखती हैं, लेकिन पेड़ों पर बैठीं या आसमान में उड़ती हुई नहीं बिजली या टेलीफोन के तारों पर बैठी, मगर बातचीत करती या घरों के अंदर यहाँ-वहाँ घोंसले बनाती नहीं दिखतीं। उन्हें देखकर लगता मानो वे प्राकृतिक नहीं, रबड़ या प्लास्टिक के बने खिलौने हैं, जो शायद ही इधर-उधर फुदक सकते हों या चूं चूं की आवाजे निकाल सकते हों।
मैं ऐसी सँकरी और तंग गली में, मकानों की एक बहुत बड़ी भीड़ से बिजली या टेलीफोन के तारों से | उलझे आसमान से एवं हरियाली के अभाव से जूझते अपने मुहल्ले से बाहर निकलने की भारी कोशिश में हूँ। |
1. i. आकृति पूर्ण कीजिए: (1)
ii. आकृति पूर्ण कीजिए: (1)
2. बढ़ती जनसंख्या के बारे में अपने विचार लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: [4]
घना अँधेरा चमकता प्रकाश और अधिक।करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा।जीवन नैया मँझधार में डोले, सँभाले कौन?रंग-बिरंगे रंग-संग लेकर आया फागुन। |
1. i. कृति पूर्ण कीजिए: (1)
ii. एक शब्द में उत्तर लिखिए: (1)
1. अँधेरा कैसा है?
2. जीवन किसके समान है?
2. ‘श्रम का महत्त्व’, इस पर आठ से दस वाक्य लिखिए। (2)
उत्तर:
(अ)
1.
2. भारत में बढ़ती जनसंख्या के बुरे प्रभाव साफ दिखाई दे रहे हैं । बेरोजगारी और महँगाई बढ़ती जा रही है। सुख-सुविधाओं की बात तो दूर है, आज अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है। रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, पानी, अच्छी शिक्षा जैसी आवश्यक सुविधाएँ भी लोगों की पहुँच से दूर होती जा रही हैं। लोगों का जीवनस्तर गिरता जा रहा है । यदि समय पर जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह स्थिति और बुरी हो सकती है।
(आ)
1. i.
ii. 1. घना
2. नैया
2. जीवन में श्रम के बिना कुछ भी नहीं मिलता। भोजन, वस्त्र, मकान सभी कुछ श्रम करने पर ही मिलता है। श्रम करके ही हम अपनी मंजिल को पा सकते हैं। विद्यार्थियों को भी सफलता प्राप्त करने के लिए श्रम करना आवश्यक है। उन्हें मन लगाकर पढ़ाई करना चाहिए। निरंतर श्रमपूर्वक पढ़ाई करते हुए छात्र हर परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं। श्रम करने वाला छात्र कभी असफल नहीं होता। पढ़ाई में साधारण छात्र भी मेहनत के बल पर परीक्षा में अच्छे परिणाम ला सकता है। अतः श्रम करके हम जीवन की हर परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
विभाग 4 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 14 अंक
प्रश्न 4.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. अधोरेखांकित शब्द का भेद लिखिए: (1)
स्वयं अपना काम करना चाहिए।
2. निम्नलिखित अव्ययों में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए: (1)
i. बाप रे!
ii. व
3. तालिका पूर्ण कीजिए: (दो में से कोई एक) (1)
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
i. विश्वामित्र | ________ | ________ |
ii. ________ | सम् + भव | ________ |
4. निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य की सहायक क्रिया पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए: (1)
i. कई धंधे सिखाए गए।
ii. यही क्रम चलता रहा।
5. निम्नलिखित क्रियाओं में से किसी एक क्रिया का प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
i. फैलना ________
ii. जीना ________
6. निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए: (1)
i. टाँग अड़ाना
ii. तिलमिला जाना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए:
(दाँत तेज करना, दाँत खट्टे करना)
युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को हरा दिया।
7. निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य में प्रयुक्त कारक चिह्न पहचानकर उसका भेद लिखिए: (1)
i. यंत्र से कुछ चीजें बनती दिखती हैं।
ii. मैने अपने फूल के गमले निकाल दिए हैं।
8. निम्नलिखित वाक्य में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए: (1)
बहन उनको संगीत की भक्ति की तथा प्रेमयुक्त सलाह की खुराक दें
9. निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए: (2)
i. सबसे पहले हम अंजुना बीच पहुँचे (अपूर्ण वर्तमान काल)
ii. उसे खाना बनाना पड़ेगा। (पूर्ण भूत काल)
iii. समाज को ये लाभ कैसे मिलते ? (सामान्य भविष्य काल)
10. i. निम्नलिखित वाक्य का रचना के अनुसार भेद लिखिए: (1)
मैं दरवाजा बंद कर रहा था कि प्लेटफॉर्म पर दौड़ते हुए सिरचन पर नजर पड़ी।
ii. निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए:
1. ये सब खादी के कपड़े हैं (मश्नार्थक वाक्य)
2. लाडली की आँखों में नींद न आती थी (विधानार्थक वाक्य)
11. निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए:
i. यहां सुबह-सुबह बड़ी मातरा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
ii. गुलामी की पृथा संशार भर में हजारों वर्षों तक चलती रही।
iii. मन अब सुकुन अनूभव कर रहा था।
उत्तर:
1. स्वयं – सर्वनाम
2. i. बाप रे! इतना नुकसान हो गया।
ii. वह घूमने व खाने पर अधिक पैसे खर्च करता है।
} दो में से कोई एक
3.
संधि शब्द | संधि विच्छेद | भेद |
i. विश्वामित्र | विश्व + मित्र | स्वर संधि |
ii. संभव | सम् + भव | व्यंजन संधि |
} दो में से कोई एक
4. i. गए (गया)
ii. रहा ( रहना)
}दो में से कोई एक
5.
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
i. फैलना | फैलाना | फैलवाना |
ii. जीना | जिलाना | जिलवाना |
}दो में से कोई एक
6. i. टाँग अड़ाना – बाधा डालना।
वाक्य : कुछ लोगों की हर बात में टाँग अड़ाने की आदत होती है।
ii. तिलमिला जाना – क्रोधित होना।
वाक्य : गृहकार्य पूरा नहीं होने पर पिता जी समीर पर तिलमिला गए।
अथवा
युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिए।
}दो में से कोई एक
7. i. से – करण कारक
ii. के संबंध कारक
}दो में से कोई एक
8. बहन उनको संगीत की, भक्ति की तथा प्रेमयुक्त सलाह की खुराक दें।
}दो में से कोई एक
9. i. सबसे पहले हम अंजुना बीच पहुँच रहे हैं।
ii. उसे खाना बनाना पड़ा था।
iii. समाज को ये लाभ कैसे मिलेंगे?
}तीन में से कोई दो
10. i. मिश्र वाक्य
ii. 1. क्या ये सब खादी के कपड़े हैं?
2. लाड़ली की आँखों में नींद आती थी।
}दो में से कोई एक
11. i. यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी जाती हैं।
ii. गुलामी की प्रथा संसार भर में हजारों वर्षों तक चलती रही।
iii. मन अब सुकून अनुभव कर रहा था।
}तीन में से कोई दो
विभाग 5 – उपयोजित लेखन : 26 अंक
प्रश्न 5.
सूचनाओं के अनुसार लिखिए:
(अ)
1. पत्र – लेखन:
संकल्प पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से विद्यानिकेतन हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक को विद्यालय प्रांगण में पुस्तक प्रदर्शनी लगाने हेतु पत्र लिखिए।
अथवा
निम्नलिखित जानकारी का इस्तेमाल कर पत्र तैयार कीजिए:
2. गद्य – आकलन (प्रश्न निर्मिति) :
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर उस पर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों:
जीवन एक सुंदर कलाकृति है, परंतु इस कलाकृति की सुंदरता को द्विगुणित करने वाली अनेक बातें मनुष्य अपनी जिंदगी में पूरी नहीं कर सकता। गतिशील युग के साथ दौड़ते हुए उसके पास समय नहीं बचता। वैसे तो जीवन एक लड़ाई भी है। जिंदगी के हर मोड़ पर आदमी को कभी संघर्ष करना पड़ता है, तो कभी विजय प्राप्त होती है या कभी-कभी चुप्पी साधकर उसे अगले सफर के लिए प्रयाण करना पड़ता है । निसर्ग सफर में ऋतुमानों का खयाल करना पड़ता है। तभी उसे निसर्ग की अद्भुत लीलाओं के साक्षात्कार करने का सुनहरा मौका मिलता है। जिंदगी में मनुष्य को गति के सहारे आगे बढ़ना चाहिए। जीवन की बदलती अवस्थाएँ मनुष्य को केवल एक बार ही प्राप्त होती हैं। जीवन सदैव आगे की दिशा में बढ़ता जाता है। |
(आ)
1. वृत्तांत – लेखन: (70 से 80 शब्द) (5)
नीचे दिए गए विषय पर वृत्तांत लिखिए:
अथवा
कहानी-लेखन (70 से 80 शब्द)
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर एक रोचक कहानी लिखकर उससे प्राप्त सीख लिखिए और उसे
उचित शीर्षक भी दीजिए:
एक विद्यार्थी का बार-बार अनुत्तीर्ण होना – निराश होना – जंगल में जाते समय पनघट पर पानी भरती स्त्रियों को देखना – रस्सियों का निशान देखना प्रयास शुरू करना सफल होना सीख।
2. विज्ञापन लेखन: (5)
सिल्क साड़ियाँ बेचने के लिए 50 से 60 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
(इ) निबंध लेखन: (7)
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:
1. मेरा प्रिय खिलाड़ी
2. सड़क की आत्मकथा
3. नदी किनारे दो घंटे
उत्तर:
(अ)
1. 13 अगस्त, 2023
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाध्यापक जी,
विद्यानिकेतन हाई स्कूल,
एम. आय. डी. सी.,
अंधेरी (पू.),
मुंबई।
[email protected]
विषय: विद्यालय के प्रांगण में पुस्तक प्रदर्शनी लगाने की अनुमति के लिए।
महोदय,
मैं संकल्प पब्लिकेशंस का संचालक हूँ। हमारे पब्लिकेशंस ने इस वर्ष कई ज्ञानवर्धक पुस्तकों की रचना की है, जो कहानियाँ, निबंध, पत्रलेखन, इतिहास, भूगोल, विज्ञान आदि विषयों पर आधारित हैं। हमारा इन पुस्तकों का निर्माण करने का उद्देश्य विद्याथियों में पढ़ने की रुचि उत्पन्न करना है। हमारी ये पुस्तकें विद्यार्थियों की कल्पनात्मक शक्ति को और अधिक विकसित करेंगी। हम इन पुस्तकों के विषय में विद्यार्थियों को अधिक-से-अधिक जानकारी देना चाहते हैं, इसलिए आपके विद्यालय के प्रांगण में पुस्तक प्रदर्शनी लगाने की अनुमति चाहते हैं।
आपसे निवेदन है कि कृपया आप 30 अगस्त, 2023 को अपने विद्यालय के प्रांगण में हमें पुस्तक प्रदर्शनी लगाने की अनुमति प्रदान करें।
धन्यवाद!
भवदीय,
संचालक,
संकल्प पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड
संकल्प पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड,
शिव इंडस्ट्रियल प्रीमाइसेस,
65/अ, पी. के. रोड,
ठाणे (प.)।
[email protected]
अथवा
दिनांक : 28 अप्रैल, 2023
राहुल पाठक,
201, सेवासदन कॉलोनी,
चर्चगेट,
मुंबई।
[email protected]
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हें यह सूचित करते हुए बहुत ही खुशी हो रही है कि मेरी छोटी बहन का विवाह तय हो गया है। विवाह 25 जनवरी, 2024 को है। मैं चाहता हूँ कि तुम अपने परिवार के साथ इस मौके पर जरूर आओ। शादी की तैयारियाँ एक हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाएँगी, इसलिए तुम एक हफ्ते पहले ही आ जाना। हम दोनों साथ मिलकर इस समारोह का अच्छे से आयोजन करेंगे।
मित्र तुम समय पर आ जाना। मैं तुम्हारा इंतजार करूँगा। चाचा-चाची को मेरा नमस्कार कहना और छोटी को प्यार देना।
तुम्हारा मित्र,
अमित
अमित मिश्र,
101/सी. विंग,
मीरारोड|
[email protected]
2. 1. किसे सुंदर कलाकृति की उपमा दी गई है?
2. कैसे युग के साथ मनुष्य दौड़ता रहता है?
3. जीवन में मनुष्य को किसके सहारे आगे बढ़ना चाहिए?
4. जीवन की बदलती अवस्थाएँ मनुष्य को कितनी बार प्राप्त होती हैं?
(आ)
1. धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
कोल्हापुर| कोल्हापुर पुलिस स्टेशन के प्रांगण में दिनांक 15 अगस्त, 2023 को ‘स्वतंत्रता दिवस’ के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7.00 बजे हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को आमंत्रित किया गया था। सबसे पहले वहाँ उपस्थित सभी पुलिस अधिकारी सावधान मुद्रा में खड़े हुए। फिर मुख्य ‘अतिथि द्वारा झंडा फहराया गया। झंडा फहराने के साथ ही सभी ने राष्ट्रगान गाया और तिरंगे को सलामी दी। इसके बाद कुछ विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
सबसे पहले शारदाश्रम विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा गणेश वंदना की गई। फिर देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए गए। कुछ पुलिस कर्मचारियों ने देशभक्ति गीत भी गाए। मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता दिवस पर सभी लोगों को प्यार भरा संदेश दिया। अंत में प्रमुख पुलिस अधिकारी मुख्य अतिथि व वहाँ उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट कर 11 बजे कार्यक्रम का समापन किया।
अथवा
जहाँ चाह, वहाँ राह
एक समय की बात है। राहुल नामक एक विद्यार्थी था। वह दो बार एक ही कक्षा में असफल हो गया था। उसने निराश होकर घर छोड़ने का मन बना लिया है और जंगल की ओर निकल गया। जंगल की ओर जाते समय उसे एक गाँव दिखा। प्यास लगने के कारण राहुल इधर-उधर पानी की खोज करने लगा। वहीं उसकी नजर एक कुएँ पर पड़ी। वहाँ पर कुछ स्त्रियाँ रस्सी और बाल्टी के सहारे कुएँ से पानी निकाल रही थीं।
राहुल ने उनमें से एक स्त्री से पानी पिलाने की प्रार्थना की। पानी पीते-पीते एकाएक उसकी नजर कुएँ पर पड़े निशान पर पड़ी। इस निशान के विषय में उसने पानी पिलाने वाली स्त्री से पूछा। तब उस स्त्री ने राहुल को बताया कि पानी निकालते समय रस्सी घिसने के कारण वे निशान बन गए हैं।
राहुल के मन में विचार आया कि रस्सी नरम होती है। इसके बावजूद बार-बार घिसने पर वह कठोर पत्थर को काटकर उसपर अपना निशान बना सकती है। इस प्रकार यदि मैं भी एक ही पाठ को बार-बार याद करूँ, तो मैं भी उसे अवश्य याद कर सकता हूँ। राहुल का मन बदल गया। वह वहीं से घर वापस लौट आया। अब वह दिन-रात अपने लक्ष्य को पूरा करने में लग गया। राहुल जिस कक्षा में दो साल से असफल हुआ था, उसमें वह अच्छे अंकों से पास हुआ। राहुल ने इसी तरह आगे भी मेहनत की और आज वह एक बहुत बड़ा चिकित्सक है।
सीखः यदि दृढ़ संकल्प के साथ मंजिल को प्राप्त करने की ठान लें, तो सफलता मिलनी तय है।
2.
(इ) मेरा प्रिय खिलाड़ी
1. मेरा प्रिय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर है। सचिन का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई में हुआ। सचिन तेंदुलकर ने मात्र 16 वर्ष की आयु में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उसके बाद बल्लेबाजी में उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट व एक दिवसीय क्रिकेट दोनों में सर्वाधिक शतक बनाए हैं। सचिन मेरे प्रिय खिलाड़ी इसलिए हैं, क्योंकि इतना सफल होने के बावजूद उनमें अहंकार की भावना दूर-दूर तक नजर नहीं आती।
विश्वकप-2003 में सबसे अधिक रन बनाकर वे किसी भी विश्वकप में ऐसा करने वाले विश्व के प्रथम बल्लेबाज बने। उस विश्वकप में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार भी दिया गया। ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट से उन्होंने अक्टूबर 2012 में संन्यास ले लिया और दिसंबर 2012 में एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। 16 नवंबर, 2013 में उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला।
उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट जगत के सबसे प्रसिद्ध एवं शानदार खिलाड़ी हैं। मेरे ही जैसे विश्वभर में उनके अनेकों प्रशंसक हैं। हम सभी उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं, जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है। अपने अच्छे व्यवहार के लिए वे मुझ जैसे युवाओं के आदर्श बन गए हैं।
क्रिकेट जगत में अपनी अतुलनीय बल्लेबाजी द्वारा सचिन एक महान बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। अपने शानदार खेल द्वारा उन्होंने हमेशा हमारे देश को गौरवान्वित किया है। मैं भी नित्य क्रिकेट का अभ्यास करता हूँ और एक दिन सचिन तेंदुलकर की तरह एक बेहतरीन खिलाड़ी बनकर अपने माता-पिता व देश का नाम रोशन करूँगा।
अथवा
2. सड़क की आत्मकथा
सड़क हूँ, संसार का सबसे बड़ा संचार मार्ग मेरे ऊपर से प्रतिदिन अनगिनत वाहन और यात्री गुजरते हैं। मैं विभिन्न स्थानों को आपस में जोड़ती हूँ। मेरे निर्माण के लिए सर्वप्रथम पेव्ड स्टोन का प्रयोग किया गया। भारत में जीटी रोड यानी ग्रांट ट्रंक रोड का इतिहास सबसे पुराना है। मुझे शेरशाह सूरी ने बनवाया था। मैं सोनाग्राम, जो ढाका के नजदीक है, वहाँ से चली थी और आज पूरे भारत में मेरा जाल बिछा हुआ है।
में भारत में कई रूपों में दिख जाती हूँ। कहीं-कहीं में मक्खन की तरह चिकनी, तो कहीं-कहीं ऊबड़-खाबड़ भी हूँ। मैं किलोमीटरों तक सीधी रहती हूँ, तो कहीं-कहीं साँप की तरह चलती हूँ। मैं बिना किसी शिकायत के लाखों टन का बोझ मुस्कराते हुए सह जाती हूँ। मैं लंबे समय से लोगों के जीवन को आसान बनाने में अपना योगदान दे रही हूँ।
मुझे दुख इस बात का है कि लोग मुझे गंदा करते हैं। मेरी देखभाल ठीक से नहीं करते हैं। हालाँकि इससे परेशानी उन्हें ही होती है फिर भी लोग इस बात को नहीं समझते कि सड़क को व्यवस्थित व साफ रखने में लाभ उन्हीं का है। मेरा जीवन परोपकार के लिए बना है। लोगों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने में मुझे संतोष मिलता है। मेरे जीवन का लक्ष्य कुछ पाना नहीं है, बल्कि लोगों को घर पहुँचाकर उनकी सेवा करना है।
अथवा
3. नदी किनारे दो घंटे
नदी का नाम आते ही मेरे मन में गंगा की लहरें हिलोरें मारने लगती हैं। ठंडी के दिन थे। प्रयाग की पावन धरती पर महाकुंभ लगा हुआ था। मैं अपने पूरे परिवार के साथ इस पवित्र पर्व का लाभ उठाने प्रयागराज पहुँचा। वहाँ से हम सड़क मार्ग से होते हुए संगम पर पहुँचे। वहाँ गंगा के घाट पर भक्तों की भीड़ लगी हुई थी। एक साथ हजारों भक्त संगम में डुबकियाँ लगा रहे थे। संगम में स्नान करके हमारी आत्मा भी पवित्र हो गई।
नदी के तट पर एक ओर खाने-पीने की वस्तुओं की दुकानें सजी हुई थीं, तो दूसरी ओर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं के तंबू लगे हुए थे। साधुओं की भी अलग-अलग टोली हमें वहाँ देखने को मिली। कुछ संन्यासी हमें अपने – अपने पंडालों में प्रवचन करते दिखाई दिए। हमें कुछ नागाओं की टोली भी दिखी। अलग-अलग पंडालों में साधुओं की ओर से भोज का आयोजन किया गया था। वहाँ एक साथ सैकड़ों भक्त महाप्रसाद का आनंद उठा रहे थे। इस प्रकार के महाप्रसाद का आयोजन लगभग पूरे कुंभ क्षेत्र में किया गया था। हमने भी उन्हीं में से एक पंडाल में महाप्रसाद प्राप्त किया। खेल-खिलौनों की भी दुकानें कुंभ मेले में लगी थीं।
कुंभ मेले में घूमते-घूमते संध्या हो गई। सूरज ढल रहा था। उस समय ढलता हुआ सूरज ऐसा लग रहा था कि जैसे वह भी माँ गंगा की लहरों में डुबकी लगा रहा है। संध्या के समय सूरज की सुनहली रोशनी जब गंगा पर पड़ी तो गंगाजल विशुद्ध सोने की तरह चमचमाने लगा। छोटी-बड़ी नावों पर बैठकर श्रद्धालु गंगा की परिक्रमा कर रहे थे।
माँ गंगा की संध्या आरती का समय हुआ तो चारों ओर दीप प्रज्वलित हो गए। भक्त, साधु, संन्यासी सभी मंत्रोच्चार करने लगे। पूरा गंगाघाट रोशनी में नहाया हुआ लग रहा था। गंगा के किनारे जगमगाते अनगिनत दीप देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे आसमान के सारे तारे आज गंगा मैया की गोद में उतर आए हैं। गंगा दर्शन और महाकुंभ स्नान के बाद हम वापस अपने घर लौट आए, लेकिन नदी किनारे बिताए दो घंटों की अमिट छाप मेरे मन और मस्तिष्क पर आजीवन अंकित रहेगी।