Maharashtra Board SSC Class 10 Hindi Question Paper 2020 with Answers Solutions Pdf Download.
SSC Hindi Question Paper 2020 with Answers Pdf Download Maharashtra Board
[Time: 2 Hours]
[Max Marks : 100]
सामान्य निर्देश :
1. सूचना के अनुसार गद्य, पद्य, पूरक पठन तथा भाषा अध्ययन (व्याकरण) की आकलन कृतियों में आवश्यकता के अनुसार आकृतियों में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।
2. सभी आकृतियों के लिए पेन का ही प्रयोग करें।
3. रचना विभाग में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है। शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
विभाग 1 – गद्य : 20 अंक
प्रश्न 1.
(अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (8)
नागर जी : लिखने से पहले तो मैंने पढ़ना शुरू किया था। आरम्भ में कवियों को ही अधिक पढ़ता था । सनेही जी, अयोध्यासिंह उपाध्याय की कविताएँ ज्यादा पढ़ीं। छापे का अक्षर मेरा पहला मित्र था। घर में दो पत्रिकाएँ मँगाते थे मेरे पितामह एक ‘सरस्वती’ और दूसरी ‘गृहलक्ष्मी’ उस समय हमारे सामने प्रेमचन्द का साहित्य था, कौशिक का था। आरम्भ में बंकिम के उपन्यास पढ़े। शरतचंद्र को बाद में। प्रभात कुमार मुखोपाध्याय का कहानी संग्रह ‘देशी और विलायती’ १९३० के आसपास पढ़ा। उपन्यासों में बंकिम के उपन्यास १९३० में ही पढ़ डाले । ‘आनन्दमठ’, ‘देवी चौधरानी’ और एक राजस्थानी थीम पर लिखा हुआ उपन्यास, उसी समय पढ़ा था।
तिवारी जी : क्या यही लेखक आपके लेखन के आदर्श रहे?
नागर जी : नहीं, कोई आदर्श नहीं। केवल आनन्द था पढ़ने का। सबसे पहले कविता फूटी साइमन कमीशन के बहिष्कार के समय १९२८ – १९२९ में। लाठीचार्ज हुआ था। इस अनुभव से ही पहली कविता फूटी – ‘कब लौं कहाँ लाठी खाय!’ इसे ही लेखन का आरम्भ मानिए।
(1) नाम लिखिए : (2)
(2) लिखिए :
(i) लेखक का पहला मित्र- ………………….
(ii) लेखक की पहली कविता- ………………….
(3) गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए:
(i) प्रत्यययुक्त शब्द :
(1) ……………
(2) ……………
(ii) ऐसे दो शब्द जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता :
(1) ……………
(2) ……………
(4) ‘पढ़ोगे तो बढ़ोगे’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : (8)
कुछ देर बाद हमारी टैक्सी मडगाँव से पाँच किमी दूर दक्षिण में स्थित कस्बा बेनालियम के एक रिसॉर्ट में आकर रुक गई। यह रिसॉर्ट हमने पहले से बुक कर लिया था। इसलिए औपचारिक खानापूर्ति कर हम आराम करने के इरादे से अपने-अपने स्यूट में चले गए। इससे पहले कि हम कमरों से बाहर निकलें, मैं आपको गोवा की कुछ खास बातें बता दूँ। दरअसल, गोवा राज्य दो भागों में बँटा हुआ है। दक्षिण गोवा जिला तथा उत्तर गोवा जिला । इसकी राजधानी पणजी मांडवी नदी के किनारे स्थित है। यह नदी काफी बड़ी है तथा वर्ष भर पानी से भरी रहती है फिर भी समुद्री इलाका होने के कारण यहाँ मौसम में प्रायः उसम तथा हवा में नमी बनी रहती है। शरीर चिपचिपाता रहता है लेकिन मुंबई जितना नहीं, क्योंकि यहाँ का क्षेत्र हरीतिमा से भरपूर है फिर भी धूप तो तीखी ही होती है।
यों तो गोवा अपने खूबसूरत सफेद रेतीले तटों, महँगे होटलों तथा खास जीवनशैली के लिए जाना जाता है लेकिन इन सबके बावजूद यह अपने मैं एक सांस्कृतिक विरासत भी समेटे हुए है।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए : (2)
(2) उत्तर लिखिए: (2)
गद्यांश में उल्लेखित नदी की विशेषताएँ
(i) ………………….
(ii) ………………….
(3) (1) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द ढूँड़कर लिखिए: (1)
(1) अनौपचारिक – ………………….
(2) छाँव – ………………….
(ii) गद्यांश से अंग्रेजी शब्द ढूँढ़कर लिखिए : (1)
(1) ………………….
(2) ………………….
(4) ‘पर्यटन ज्ञान वृद्धि का साधन’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(इ) निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : जापानी और चीनी वैज्ञानिकों ने भूकंप आने के कुछ दिन पूर्व जीव-जन्तुओं की गतिविधियों के आधार पर चेतावनी देने का प्रयत्न किया है। वास्तव में 4 फरवरी, 1975 को चीन के हाइचेंग क्षेत्र में आए भूकंप का पूर्वानुमान चीनी वैज्ञानिकों ने भूकंप आने के कुछ दिन पूर्व से मेंढकों व साँपों के अपने बिलों से एकाएक बाहर निकल आने, मुर्गियों की बेचैनी और अपने दरबों से दूर भागने तथा कुत्तों के भौंकने और लगातार इधर-उधर भागने के आधार पर काफी सफलतापूर्वक किया, परन्तु वही वैज्ञानिक सन् 1976 के विध्वंसक भूकंप की पूर्वसूचना नहीं दे सके। महाराष्ट्र के भूकंप के पूर्व भी वहाँ के निवासियों ने ऐसा दावा किया है कि पालतू पशु विचित्र व्यवहार कर रहे थे जीव-जन्तुओं के विचित्र व्यवहार के अतिरिक्त, भूकंप पूर्व मिलने वाले कुछ मुख्य संकेत जिन पर वैज्ञानिक बिरादरी एकमत हैं।
(1) उत्तर लिखिए: (2)
चीनी वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप आने के पूर्वानुमान लगाने के आधार-
(i) ………………….
(ii) ………………….
(2) भूकंप से होने वाली हानि से बचने के उपाय’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)
उत्तर:
(अ) (1)
(2) (i) लेखक का पहला मित्र – ‘छापे का अक्षर’
(ii) लेखक की पहली कविता – ‘कब लौं कहौं लाठी खाय!’
(3) (i) प्रत्यययुक्त शब्द –
(1) पितामह
(2) मुखोपाध्याय
(ii) ऐसे दो शब्द जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता –
(1) आनंद
(2) लेखन
(4) ‘पढ़ोगे तो बढ़ोगे’
पढ़ाई का आज के जीवन में बहुत महत्त्व है। पढ़ाई से ज्ञान मिलता है, जो इन्सान को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। जब हम पढ़ेंगे तभी हम आगे बढ़ेंगे। जो मनुष्य पढ़े-लिखे नहीं हैं, वे निरक्षर और अशिक्षित कहे जाते हैं। समाज में मान-सम्मान और इज्जत प्राप्त करने के लिए आदमी का पढ़ा-लिखा होना अत्यन्त आवश्यक है।
पढ़ाई करना हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। पढ़ाई करके ही व्यक्ति ज्ञानी और बुद्धिमान बनता है। समाज में उच्च पदों को प्राप्त करता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए नागरिक को साक्षर होने के साथ शिक्षित भी होना चाहिए। हमारे देश को ऐसे लोग चाहिए जो शिक्षा और पढ़ाई के बल पर जीवन में आगे बढ़ें।
(आ) (1)
(2) गद्यांश में उल्लेखित नदी की विशेषताएँ:
(i) मांडवी नदी काफी बड़ी है।
(ii) यह नदी वर्ष भर पानी से भरी रहती है।
(3) (i) (1) अनौपचारिक- औपचारिक
(2) छाँव – धूप
(ii) (1) रिसॉर्ट
(2) टैक्सी
(4) ‘पर्यटन ज्ञान वृद्धि का साधन’
पर्यटन का अर्थ है – घूमना। पर्यटन से हमारा ज्ञान समृद्ध होता है। आनंद प्राप्ति और जिज्ञासा पूर्ति के लिए घूमना आवश्यक है। पुस्तकीय ज्ञान से, प्रत्यक्ष पर्यटन से मिला ज्ञान अत्यधिक प्रभावी होता है। पर्यटन से हमें देश-विदेश की सभ्यता-संस्कृति तथा वहाँ के खान-पान, रहन-सहन की जानकारी मिलती है।
राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है। आजकल पर्यटन ने एक उद्योग का रूप धारण कर लिया है। पर्यटन के विविध प्रकार हैं। पर्यटन स्थलों में कुछ स्थल प्राकृतिक सौंदर्य, तो कुछ ऐतिहासिक, तो कुछ धार्मिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्त्व रखते हैं पर्यटन हमें दैनंदिन जीवन की चिंताओं से मुक्ति दिलाता है।
(इ) (1) (i) कुछ दिन पूर्व से मेंढकों व साँपों के अपने बिलों से एकाएक बाहर निकल आना।
(ii) कुत्तों का भौंकना और लगातार इधर-उधर भागने का आधार।
(2) ‘भूकंप से होने वाली हानि से बचने के उपाय’
भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती। ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए। भूकंप आने पर तुरंत ये उपाय किये जाने चाहिए-
- जहाँ भी आप हों, वहाँ से बाहर निकलकर खुले मैदान की ओर भार्गे, क्योंकि भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सुरक्षित स्थान नहीं होता है।
- किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों।
- लिफ्ट के इस्तेमाल के स्थान पर सीढ़ियों का इस्तेमाल सुरक्षित होता है।
- घर के सभी बिजली स्विच ऑफ कर दें।
- तुरंत बाहर जाना संभव न होने पर तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज अथवा ऊँची चौकी के नीचे छिप जायें।
- भयभीत न होते हुए अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
विभाग 2 – पद्य: 12 अंक
प्रश्न 2.
(अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (6)
मैं लरजकर बोला,
मुद्राएँ आप मेरे मुख पर देख लीजिए,
वे खड़े होकर कुछ सोचने लगे
फिर शयनकक्ष में घुस गए
और फटे हुए तकिये की रूई नोचने लगे
उन्होंने टूटी अलमारी को खोला
रसोई की खाली पौपियों को टटोला
बच्चों की गुल्लक तक देख डाली
पर सब में मिला एक ही तत्व खाली
कनस्तरों को, मटकों को ढूँढ़ा सब में मिला शून्य – ब्रह्मांड
(1) संजाल पूर्ण कीजिए: (2)
(2) पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए:
(i) ऐसे शब्द जिनका अर्थ निम्न शब्द हो :
(1) टीन का पीपा – ………………….
(2) कमरा – ………………….
(ii) वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
उन्होंने टूटी अलमारी को खोला।
…………………………
(3) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (6)
एक जुगनू ने कहा मैं भी तुम्हारे साथ हूँ,
वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।
एक मर्यादा बनी है हम सभी के वास्ते,
गर तुम्हें बनना है मोती सीप के अंदर दिखो।
डर जाए फूल बनने से कोई नाजुक कली,
तुम ना खिलते फूल पर तितली के टूटे पर दिखो।
कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस भीड़ में,
मैं जिसे देखूं उसी में तुम मुझे अक्सर दिखो।
(1) पद्यांश के आधार पर सम्बन्ध जोड़कर उचित वाक्य तैयार कीजिए। (2)
(i) जुगनू | धुंध |
(ii) रोशनी | तितली |
मैं |
(1) ………………….
(2) ………………….
(2) (i) निम्नलिखित के लिए पद्यांश से शब्द ढूँढ़कर लिखिए: (1)
(1) लोगों का समूह ………………….
(2) सीप में बनने वाला रत्न ………………….
(ii) पद्यांश में आए ‘पर’ शब्द के अलग-अलग अर्थ लिखिए: (1)
(1) ………………….
(2) ………………….
(3) अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए| (2)
उत्तर:
(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
(2) (i) (1) टीन का पीपा – कनस्तर।
(2) कमरा – शयनकक्ष ।
(ii) उन्होंने टूटी अलमारी को खोला।
उन्होंने टूटी अलमारियों को खोला।
अथवा
उन्होंने टूटी अलमारियाँ खोलीं।
(3) सरल अर्थ – प्रस्तुत कविता में आयकर विभाग के द्वारा आम आदमी के घर छापा डालने का वर्णन व्यंग्यात्मक हास्य उत्पन्न करता है। वे लोग आम आदमी के घर पर सोना, पैसा अर्थात् अनधिकृत रूप से अर्जित धन को ढूँढ़ते हैं। वे ढूँढते ढूँढते रसोई घर में पहुँचते हैं, वहाँ पड़ी खाली पीपियों को टटोलते हैं। बच्चों की गुल्लक तक देखते हैं परन्तु उन्हें कुछ भी नहीं मिलता, सब कुछ खाली मिलता है।
इतना ही नहीं वे लोग मटकों में और टीन के पीपों में भी देखते हैं कि कहीं उसमें उन्हें कुछ मिल जाए। परन्तु मटके और कनस्तर भी उन्हें खाली मिलते हैं। इस प्रकार छापा मारने वालों की कार्यप्रणाली को यहाँ हास्य-व्यंग्यात्मक रूप से दर्शाया गया है।
(आ) (1) (i) वक्त के इस धुंध में मैं जुगनू बनकर तुम्हारे साथ रहूँगा।
(ii) जब रोशनी में फूल खिलता है, तब ही तितली दिखती है।
(2) (i) (1) लोगों का समूह भीड़
(2) सीप में बनने वाला रत्न- मोती
(ii) (1) लेकिन, परन्तु
(2) पंख
(3) सरल अर्थ – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने जीवन में निरंतर अच्छे कर्म करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। वे कहते हैं, अगर फूल बनने से कोई नाजुक कली डर जाए, तो तितली फूल पर नहीं खिल सकेगी, उसके पंख टूट जायेंगे। इसलिए अपना कार्य करते रहना आवश्यक है।
कवि कहते हैं जीवन में निरंतर रूप से अपने कार्य करते रहने से ही हम आगे बढ़ेंगे। कवि के मतानुसार वे जहाँ भी देखें वहाँ उन्हें अच्छे कार्य करने वाले दिखायी दें। उसका चेहरा उन्हें भीड़ में भी दिखायी दे।
विभाग 3 – पूरक पठन 8 अंक
प्रश्न 3.
(अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (4)
जिस गली में आजकल रहता हूँ। वहाँ एक आसमान भी है लेकिन दिखाई नहीं देता। उस गली में पेड़ भी नहीं हैं, न ही पेड़ लगाने की गुंजाइश ही है। मकान ही मकान हैं। इतने मकान कि लगता है मकान पर मकान लदे हैं। लंद फंद मकानों की एक बहुत बड़ी भीड़, जो एक सँकरी गली में फँस गई और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। जिस मकान में रहता हूँ, उसके बाहर झाँकने से ‘बाहर’ नहीं सिर्फ दूसरे मकान और एक गंदी व तंग गली दिखाई देती है। चिड़ियाँ दिखती हैं लेकिन पेड़ों पर बैठीं या आसमान में उड़ती हुई नहीं। बिजली या टेलीफोन के तारों पर बैठी, मगर बातचीत करत या घरों के अंदर यहाँ-वहाँ घोंसले बनाती नहीं दिखतीं।
(1) लिखिए: (2)
गद्यांश में उल्लेखित चिड़ियों की विशेषताएँ-
(i) ………………….
(ii) ………………….
(2) ‘पक्षियों की घटती संख्या’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (4)
हम उस धरती के लड़के हैं, जिस धरती की बातें
क्या कहिए; अजी क्या कहिए; हाँ क्या कहिए।
यह वह मिट्टी, जिस मिट्टी में खेले थे यहाँ ध्रुव से बच्चे।
यह मिट्टी, हुए प्रहलाद जहाँ, जो अपनी लगन के थे सच्चे।
शेरों के जबड़े खुलवाकर थे जहाँ भरत दतली गिनते,
जयमल पत्ता अपने आगे थे नहीं किसी को कुछ गिनते!
इस कारण हम तुमसे बढ़कर, हम सबके आगे चुप रहिए।
अजी चुप रहिए, हाँ चुप रहिए, हम उस धरती के लड़के हैं ………..
(1) सूचनानुसार लिखिए: (2)
(i) ऐसी पंक्ति जिसमें पौराणिक संदर्भ है-
………………….
(ii) ऐसी पंक्ति जिसमें ऐतिहासिक संदर्भ हो-
………………….
(2) ‘इतिहास हमें प्रेरणा देता है’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए| (2)
उत्तर:
(अ) (1) गद्यांश में उल्लेखित चिड़ियों की विशेषताएँ-
(i) आसमान में नहीं उड़ती या पेड़ों पर भी नहीं बैठती।
(ii) बिजली या टेलीफोन के तारों पर बैठती है, बातचीत करती या घोंसले बनाती नहीं दिखतीं ।
(2) ‘पक्षियों की घटती संख्या’
जंगल कम हो गए हैं। इस कारण इंसानों के साथ पक्षी भी सिमटने लगे हैं। पेड़-पौधों के संरक्षण को इंसान भूल गया है । वह आधुनिकता की चकाचौंध में लगा है। बढ़ती आबादी और शहरीकरण के विस्तार से पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है। इसी कारण पक्षियों के जीवन पर संकट मंडराने लगा है।
मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का सर्वनाश किया है जिसका परिणाम यह है कि पशु-पक्षियों की संख्या घटकर एक तिहाई रह गई है। पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर हैं। फिर भी हम अपनी जीवन शैली बदलने के लिए तैयार नहीं हैं।
(आ) (1) (i) पौराणिक संदर्भ-यह मिट्टी हुए प्रहलाद जहाँ, जो अपनी लगन के थे सच्चे
(ii) ऐतिहासिक संदर्भ – जयमल – पत्ता अपने आगे, ये नहीं किसी को कुछ गिनते!
(2) ‘इतिहास हमें प्रेरणा देता है”
इतिहास हमें मानव प्रकृति के विभिन्न आयामों और पक्षों से अवगत कराता है। इतिहास मनुष्य का एक सच्चा शिक्षक है। समाज को भविष्य का उचित पथ बतलाता है। राष्ट्र को सजीव, उन्नतिशील या गतिशील बने रहने के लिए इतिहास का अध्ययन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं।
इतिहास के अध्ययन से हमें सभ्यता के क्रमिक विकास का ज्ञान होता है। इतिहास तत्कालीन समाज के आचार-विचार, धार्मिक जीवन, आर्थिक जीवन, सांस्कृतिक जीवन, राजनैतिक व्यवस्था और शासन पद्धति आदि बातों का सुंदर चित्र हमारी दृष्टि के सामने स्पष्ट रूप से रख देता है। किसी राष्ट्र के उत्थान के साथ-साथ उसके पतन की परिस्थितियों का ज्ञान हमें इतिहास से प्राप्त होता है।
विभाग 4 भाषा अध्ययन (व्याकरण) 14 अंक
प्रश्न 4.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए : (14)
(1) निम्नलिखित वाक्य में अधोरेखांकित शब्द का शब्दभेद पहचानकर लिखिए: (1)
श्रमजीवियों की मजदूरी एवं आमदनी कम है।
(2) निम्नलिखित अव्ययों में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए: (1)
(i) वाह!
(ii) के साथ
(3) कृति पूर्ण कीजिए: (1)
शब्द | संधि-विच्छेद | संधि प्रकार |
………………. | अंतः : + चेतना अथवा |
………………. |
सज्जन | ………………. + ………………. | ………………. |
(4) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य की सहायक क्रिया पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए: (1)
(i) टैक्सी एक पतली सी सड़क पर दौड़ पड़ी।
(ii) यहाँ सुबह-सुबह बड़ी मात्रा में मछलियाँ पकड़ी गई।
सहायक क्रिया | मूल क्रिया |
………………. | ………………. |
(5) निम्नलिखित में से किसी एक क्रिया का प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए: (1)
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
फैलना | ………………. | ………………. |
लिखना | ………………. | ………………. |
(6) निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए: (1)
(i) शेखी बघारना
(ii) निछावर करना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए:
(बोलबाला होना, दुम हिलाना)
सिरचन की बुलाओ, चापलूसी करता हुआ हाजिर हो जाएगा।
(7) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य में प्रयुक्त कारक चिह्न पहचानकर उसका भेद लिखिए: (1)
(i) करामत अली ने हौका भरते हुए कहा।
(ii) पर्यटन में बहुत ही आनंद मिला।
(8) निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विराम चिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए: (1)
मैंने कराहते हुए पूछा, “मैं कहाँ हूँ”
(9) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए: (2)
(i) सातों तारे मंद पड़ गए। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) रूपा दौड़ते-दौड़ते व्याकुल होती है (अपूर्ण भूतकाल)
(iii) हम अपने प्रियजनों, परिचितों, मित्रों को उपहार देते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
(10) (i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए: (1)
काकी बुद्धिहीन होते हुए भी इतना जानती थी कि मैं वह काम कर रही हूँ।
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए: (1)
(1) तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। (आज्ञार्थक वाक्य)
(2) मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
(11) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए: (2)
(i) इस बार मेरी सबसे छोटि बहन पहली बार ससूराल जा रही थी।
(ii) आपने भ्रमन तो काफी की हैं।
(iii) व्यवस्थापकों और पुँजी लगाने वालों को हजारो-लाखो का मिलना गलत नहीं माना जाता।
उत्तर:
(1) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(2) (i) वाह! – वाह! ये तो किसी अजूबे से कम नहीं।
(ii) के साथ – मैं मेरे परिवार के साथ हूँ।
(3)
शब्द | संधि-विच्छेद | संधि प्रकार |
अन्तश्चेतना | अंतः : + चेतना अथवा |
विसर्ग संधि |
सज्जन | सत् + जन | व्यंजन संधि |
(4)
सहायक क्रिया | मूल क्रिया |
(i) पड़ना | दौड़ना |
(ii) जाना | पकड़ना |
(5)
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
फैलना | फैलाना | फैलवाना |
लिखना | लिखाना | लिखवाना |
(6) (1) शेखी बघारना – डींग हाँकना, किसी भी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बोलना।
वाक्य प्रयोग हम सभी तुम्हें अच्छी तरह जानते हैं, हमारे सामने क्यों शेखी बघारते हो?
(2) निछावर करना – अर्पण करना।
वाक्य प्रयोग – जय प्रकाश जी ने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा करने के लिए निछावर कर दिया।
अथवा
सिरचन को बुलाओ, दुम हिलाते हुए हाजिर हो जाएगा।
(7) (i) ने – कर्ता कारक
(ii) में – अधिकरण कारक
(8) मैंने कराहते हुए पूछा, “मैं कहाँ हूँ?”
(9) (i) सात तारे मंद पड़ गए हैं।
(i) रूपा दौड़ते-दौड़ते व्याकुल हो रही थी।
(iii) हम अपने प्रियजनों, परिचितों, मित्रों को उपहार देंगे।
(10) (i) मिश्र वाक्य
(ii) (1) तुम, अपना ख्याल रखो।
(2) क्या, मानू इतना ही बोल सकी।
(11) (i) पहली बार मेरी सबसे छोटी बहन ससुराल जा रही थी।
(ii) आपने भ्रमण तो काफी किया है।
(iii) व्यवस्थापकों और पूँजीपतियों को हजारों-लाखों का मिलना कठिन नहीं है।
विभाग 5 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 26 अंक
सूचना : आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है। (26)
प्रश्न 5.
सूचनाओं के अनुसार लेखन कीजिए: (5)
(अ) (1) पत्र लेखन :
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्र लेखन कीजिए :
राधेय / राधा चौगुले, रामेश्वरनगर, वर्धा से दोहा प्रतियोगिता में प्रथम क्रमांक प्राप्त करने के कारण अभिनंदन करते हुए अपने मित्र / सहेली किशोर / किशोरी पाटील, स्टेशन रोड, जालना को पत्र लिखता / लिखती है।
अथवा
अशोक / आशा मगदुम, लक्ष्मीनगर, नागपुर से व्यवस्थापक, कौस्तुभ पुस्तक भंडार, सदर बाजार, नागपुर को प्राप्त पुस्तकों सम्बन्धी शिकायत करते हुए पत्र लिखता / लिखती है।
(2) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे बार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों : (4)
स्वाधीन भारत में अभी तक अंग्रेजी हवाओं में कुछ लोग यह कहते मिलेंगे- जब तक विज्ञान और तकनीकी ग्रंथ हिन्दी में न हो तब तक कैसे हिंदी में शिक्षा दी जाए। जब कि स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से भी चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिन्दी के माध्यम से विज्ञान जैसे गहन विषयों की शिक्षा दे रहे थे ग्रंथ भी हिन्दी में थे और पढ़ाने वाले भी हिन्दी के थे। जहाँ चाह होती है वहीं राह निकलती है। एक लंबे अरसे तक अंग्रेज गुरुकुल काँगड़ी को भी राष्ट्रीय आन्दोलन का अभिन्न अंग मानते रहे। इसमें कोई संदेह भी नहीं कि गुरुकुल के स्नातकों में स्वाधीनता की अजीब तड़प थी । स्वामी श्रद्धानंद जैसा राष्ट्रीय नेता जिस गुरुकुल का संस्थापक हो और हिन्दी शिक्षा का माध्यम हो; वहाँ राष्ट्रीयता नहीं पनपेगी तो कहाँ पनपेगी। स्वामी जी से मिलने देश के प्रमुख राष्ट्रीय नेता भी गुरुकुल आते रहते थे।
(आ) (1) वृत्तांत लेखन : (5)
विवेकानंद विद्यालय, सोलापुर में सम्पन्न ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का रोचक वृत्तांत लेखन 60 से 80 शब्दों में लिखिए।
(वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य है।)
अथवा
कहानी लेखन:
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सोख लिखिए:
एक गाँव – पीने के पानी की समस्या – दूर-दूर से पानी लाना – सभी लोग परेशान – सभा का आयोजन – मिलकर श्रमदान का निर्णय – दूसरे दिन से – केवल एक आदमी – काम में जुटना – धीरे-धीरे एक-एक का आना – सारा गाँव श्रमदान में – गाँव के तालाब की सफाई कीचड़, प्लास्टिक निकालना बरसात में तालाब का स्वच्छ पानी से भरना।
(2) विज्ञापन लेखन: (5)
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए:
(इ) निबन्ध लेखन:
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:
(1) मेरा भारत देश
(2) पर्यावरण संतुलन
(3) पुस्तक की आत्मकथा
उत्तर: (अ)
राधेय / राधा चौगुले, समेश्वर नगर, वर्धा – 401511 23 अप्रैल, 20XX प्रिय मित्र / सहेली किशोर / किशोरी पाटिल, मेरे माताजी – पिताजी की ओर से भी ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ चाचाजी- चाचीजी को मेरा सादर नमन और किरण को ढेर सारा प्यार। तुम्हारा / तुम्हारी प्रिय मित्र/सखी डाक टिकट |
अथवा
अशोक/आशा मगदुम, लक्ष्मी नगर, नागपुर – 412617 23 अप्रैल, 20XX प्रति विषय – प्राप्त पुस्तकों सम्बन्धी शिकायत – पत्र| माननीय महोदय, धन्यवाद! भवदीय, |
(2) (i) स्वामी श्रद्धानंद स्वाधीनता से चालीस साल पहले गुरुकुल काँगड़ी में हिन्दी के माध्यम से कौन-से विषयों की शिक्षा दे रहे थे?
(ii) राह कहाँ होती है?
(iii) गुरुकुल के स्नातकों में किस बात की अजीब तड़प थी?
(iv) देश के प्रमुख राष्ट्रीय नेता किससे और कहाँ मिलने आते रहते थे?
(आ) (1) वृत्तांत लेखन
10 नवम्बर, 20XX को विवेकानन्द विद्यालय सोलापुर में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का आयोजन किया गया। प्रातः 10 बजे अभियान का आरम्भ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अथिति जिलाधिकारी श्री गौरव शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य जी ने की। सभी ने बेटियों का महत्त्व बताकर बेटियों को पढ़ाने का मौलिक संदेश दिया।
अभियान में बेटे / बेटियों को सम्मान देने पर भी संदेश दिया गया। बेटा-बेटी समान हैं, बेटियों के साथ किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस अभियान में कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से सम्बन्धित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कुछ छात्रों ने इस संदर्भ में नाटक प्रस्तुत किया। मुख्य अथिति ने हमें अच्छा भाषण देते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर छात्राओं को किताबें देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
अथवा
कहानी लेखन:
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सौख लिखिए: एक गाँव – पीने के पानी की समस्या- दूर-दूर से पानी लाना- सभी परेशान सभा का आयोजन – मिलकर श्रमदान का निर्णय-दूसरे दिन से केवल एक आदमी का काम में जुटना – धीरे-धीरे एक-एक का आना- सारा गाँव श्रमदान में ताला की खुदाई – बरसात के दिनों जमकर बारिश – तालाब का भरना – सीख।
(2) विज्ञापन लेखन
स्कूल बस के लिए ड्राइवर की आवश्यकता ड्राइवर कम से कम 12वीं पास होना चाहिए। उसे न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। ड्राइवर को यातायात नियमों के बारे में पता होना चाहिए। मासिक वेतन 15,000 है। |
(इ) निबन्ध लेखन :
(1) मेरा भारत देश
मेरे देश का नाम भारत है। भारत को हिन्दुस्तान भी कहा जाता है। मेरा भारत देश विभिन्नता में एकता का देश है, क्योंकि यहाँ अनेक भाषाओं को बोलने वाले लोग व अनेक धर्मों को मानने वाले लोग एक साथ निवास करते हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, जैन आदि धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया जाता है।
मेरा देश लोकतन्त्र में विश्वास करता है। यहाँ सभी को उन्नति करने के समान अवसर प्राप्त हैं। पूरे विश्व में अपनी महान संस्कृति और पारम्परिक मूल्यों के लिए मेरा भारत देश प्रसिद्ध है।
भारत में दूसरे देशों से भक्तों और तीर्थयात्रियों की एक बड़ी भीड़ यहाँ के प्रसिद्ध मंदिरों, तीर्थ स्थानों और ऐतिहासिक धरोहरों की सुंदरता को देखते आती है।
अन्त में हम कह सकते हैं कि मेरा भारत देश अत्यन्त सुन्दर व अनेकता में एकता वाला देश है।
(2) पर्यावरण संतुलन
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण। परि का अर्थ है चारों ओर से व आवरण का अर्थ है घिरा हुआ। अर्थात् चारों ओर से घिरा हुआ।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि पर्यावरण, जो चारों तरफ से सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड और जीव जगत से घिरा हुआ है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जन्तु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियाँ आदि पूरी तरह निर्भर हैं। हमें अपने पर्यावरण को संतुलित रखना चाहिए, जिससे जीव-जगत भी सुरक्षित रहे।
मानव, आजकल भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति व विकास करने की चाह में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहा है। मनुष्य पेड़-पौधों को काट रहा है व वातावरण को प्रदूषित कर रहा है।
हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़-पौधों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए। साथ ही पेड़-पौधे लगाने पर बल देना चाहिए।
धुएँ वाले वाहनों के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए व कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ पर भी रोक लगानी चाहिए।
इसी प्रकार हम अन्य उपाय करके भी पर्यावरण को सन्तुलित व सुन्दर बना सकते हैं।
(3) पुस्तक की आत्मकथा
मैं पुस्तक हूँ। मैं आप सभी की सच्ची व विश्वसनीय साथी हूँ। मैं आप सभी के काम आती हूँ। मेरा प्राचीन स्वरूप ऐसा नहीं था, जैसा आज आधुनिक समय में है। भोजपत्र मेरा प्रथम स्वरूप था, हमारा अति प्राचीन साहित्य भोजपत्रों और ताड़पत्रों पर ही लिखा मिलता है।
आधुनिक समय में कागज का प्रयोग कर पुस्तक का निर्माण किया जाता है।
मैं केवल एक ही विषय के नहीं लिखी जाती हैं अपितु मेरा क्षेत्र विस्तृत व वृहद है। वर्तमान युग में तो मेरी बहुत माँग है। मुझे नाटक, कहानी, भूगोल, इतिहास, गणित, साहित्य, धार्मिक पुस्तकों के रूप में देखा जा सकता है।
मुझमें विद्या की देवी ‘सरस्वती’ वास करती है। मैं लोगों की सच्ची मार्गदर्शिका हूँ। बहुत से लोगों ने मुझसे मार्गदर्शन भी पाया है। मैं सफलता की कुंजी हूँ। मैं जीवन की प्रत्येक परीक्षा में मनुष्य के काम आती हूँ। मैं चाहती हूँ लोग मेरा सम्मान व आदर करें अर्थात् जो मेरा आदर करते हैं मैं उनका आदर करती हूँ और उन्हें भविष्य में महान श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती हैं। आप मेरा सदुपयोग व सम्मान करें, मैं केवल यही आशा करती है।