Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.
Maharashtra State Board 11th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि
11th Hindi Digest Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि Textbook Questions and Answers
पाठ पर आधारित
प्रश्न 1.
विद्यार्थी जीवन में ई-अध्ययन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आज तक विद्यार्थी केवल हाथ में पुस्तक लेकर ही ज्ञान प्राप्त कर सकते थे परंतु ई-अध्ययन शिक्षा-क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आज इंटरनेट पर कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं। एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार छात्र के सामने बैठे-बिठाए प्रस्तुत हो जाता है।
कंप्यूटर विद्यार्थी के लिए ज्ञान का स्त्रोत है जिसके सहारे पढ़ाई हो सकती है। दृक्-श्राव्य माध्यम से उसकी पढ़ाई रोचक बन जाती है। मनोरंजन और ज्ञान का सुंदर समन्वय ई-अध्ययन में होता है।
आज का युग प्रतियोगिता का युग है। विद्यार्थियों को कई सारी प्रतियोगिताएँ, परीक्षा की तैयारियाँ करनी होती हैं और इनके लिए ई-अध्ययन एक वरदान है। हर विषय का ज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल-कूद, संगीत, राजनीति आदि की जानकारी भी छात्र ई-अध्ययन द्वारा प्राप्त कर स्वयं को अद्यतन रख सकता है।
समय, श्रम और अर्थिक बचत भी बड़े पैमाने पर होती है। ज्ञान के साथ-साथ करियर का अवसर भी प्राप्त हो सकता है। सचमुच ई-अध्ययन का विद्यार्थी जीवन में बड़ा महत्त्व है।
प्रश्न 2.
ई-ग्रंथालय की जानकारी लिखिए।
उत्तर :
आज इंटरनेट पर ई-ग्रंथालय वेबसाइट उपलब्ध है। यह ग्रंथालय शुल्क सहित तथा नि:शुल्क दोनों तरीके से उपलब्ध है। ऐसे ग्रंथालयों में ई-पुस्तकें, ई-वीडियो, वार्तापट आदि द्वारा ज्ञान उपलब्ध होता है। यह सुविधा हर दिन, हर समय उपलब्ध होती है यानि समय का बंधन नहीं होता।
सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ केवल हमारे देश के लेखकों का ही साहित्य नहीं तो विदेशी लेखकों के साहित्य को पढ़ने का लाभ उठा सकते हैं।
आज कई सारे प्रकाशक पुस्तक बनते ही वेबसाइट पर ई-पुस्तक द्वारा उपलब्ध करवाते हैं। ई-पुस्तक वापस लौटाने की जरूरत नहीं होती। पुस्तक को संभालकर रखने, गुम हो जाने या फट जाने की संभावना भी नहीं होती है।
मनचाहे पुस्तक को अपने कंप्यूटर में, मोबाइल में या टैब में संकलित कर सुरक्षित रख सकते हैं।
प्रश्न 3.
‘आज के विद्यार्थी अध्ययन के लिए कंप्यूटर पर निर्भर हैं –
पाठ के आधार पर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर :
वर्तमानकालीन विद्यार्थी मोबाइल, इंटरनेट आदि आधुनिक तकनीक के अधीन हो गए हैं। हर क्षेत्र में तंत्रज्ञान के माध्यम से क्रांति हुई है। सूचना एवं तकनीकी क्रांति से शिक्षा क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। अध्ययन-अध्यापन में ई-अध्ययन ने नई दृष्टि प्रदान की है।
आज से पहले विद्यार्थी केवल हाथ में पुस्तक लेकर ज्ञान प्राप्त कर सकते थे, परंतु आज एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार उसके सामने बैठे-बिठाए प्रस्तुत होता है। आज इंटरनेट की कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं। कंप्यूटर हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है।
आज के विद्यार्थी इस ज्ञान देने वाले कंप्यूटर को ज्ञान के स्त्रोत के रूप में देख रहे हैं। उसके सहारे उनकी बहुत सारी पढ़ाई आसानी से हो जाती है।
कठिन से कठिन जानकारी कंप्यूटर द्वारा विद्यार्थी तक पहुंच रही है। परीक्षा की तैयारी करनी हो या प्रतियोगिता के लिए तैयार होना हो कंप्यूटर पर उपलब्ध ज्ञान विद्यार्थी के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है।
समय, श्रम और धन की बड़े पैमाने पर बचत होना भी अन्य लाभ है जो विद्यार्थी बखूबी उठाते हैं इसीलिए अपने अध्ययन के लिए कंप्यूटर पर निर्भर होते हैं।
व्यावहारिक प्रयोग
प्रश्न 1.
अपने महाविद्यालय में मनाए गए हिंदी दिवस का वृत्तांत लेख समाचार पत्र के संपादक को मेल कीजिए।
उत्तर :
प्रति : [email protected]
विषय : हिंदी दिवस वृत्तांत
श्री. संपादक (editor) महोदय, हमारे महाविद्यालय में मनाए गए हिंदी दिवस का वृत्तांत लेख समाचार पत्र में पब्लिश करने हेतु साथ में भेजा है। कृपया आवश्यक कार्रवाई करें और समाचार पत्र में पब्लिश करके हमें उपकृत (obliged) करें।
धन्यवाद !
भवदीय,
अनघा कुलकर्णी।
(विद्यार्थी प्रतिनिधि, युनिक महाविद्यालय, श्रीवर्धन।)
[email protected]
युनिक महाविद्यालय में हिंदी दिवस धूमधाम से संपन्न
‘हिंदी है जन-जन की भाषा,
हिंदी हमारे हृदय की भाषा,
हिंदी विश्व की सबसे बड़ी भाषा।’
युनिक महाविद्यालय के सभागार में हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ प्रधानाचार्य श्री. शिवकुमार की अध्यक्षता में मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन 12वीं कक्षा की छात्रा शुभा ने किया। इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा के महत्त्व पर अध्यापक तथा छात्रों ने अपने विचार प्रकट किए।
इस अवसर पर दोहों की प्रतियोगिता रखी गई थी जिसकी वजह से कार्यक्रम जोश और उल्लास से सराबोर हो गया। विजेता संघ को सर्टिफिकेट दिए गए। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य जी ने उन छात्रों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और हिंदी को देश को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में गौरवान्वित किया।
उनका मानना है कि हिंदी राष्ट्र भाषा की गंगा से विश्व भाषा का महासागर बन रही है। हिंदी अति उदार, समझ में आने जैसी सरल, सहिष्णु (tolerant) है, साथ ही भारत की राष्ट्रीय चेतना की संवाहिका भी है। प्राचार्य जी के इस उद्बोधन (message) पर तालियों की गूंज आसमान तक पहुँची।
अध्यापक वृंद, कर्मचारी वर्ग तथा विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इस दिन महाविद्यालय का कामकाज भी हिंदी भाषा में किया गया जिसके कारण महाविद्यालय ‘हिंदीमय’ बन गया था। (विद्यार्थी प्रतिनिधि द्वारा)
प्रश्न 2.
पर्यावरण दिन’ पर प्रकल्प के लिए नेट से जानकारी प्राप्त करके उसका पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
- पर्यावरण परि + आवरण शब्दों के मेल से बना है जिसका अर्थ है आस-पास का वातावरण।
- पर्यावरण और मानव का बड़ा गहरा नाता है। इसे स्वच्छ और सुंदर रखना हमारा कर्तव्य है।
- हमारा कर्तव्य है कि हम वन, झील, नदी, वन्य जीव, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आदि का संरक्षण करें।
- हम अपने आस-पास के वातावरण को जितना सहेजकर रखेंगे हमारा जीवन उतना ही उत्कृष्ट, आनंदमय एवं सुखमय होगा।
- प्रकृति के विभिन्न अंग नदी, पर्वत, वृक्ष, जीव, प्राणी, भूमि आदि की पूजा हमारी प्राचीन परंपरा रही है।
- पर्यावरण का अपमान बाढ़, भूकंप, त्सुनामी, अतिवृष्टि या सूखा जैसे अभिशापों को दावत देना है।
- प्रदूषण के दुष्परिणाम, ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु बदलाव के खतरे लगातार दस्तक दे रहे हैं।
- बेतहर कल के लिए पर्यावरण संरक्षण एक ही विकल्प है।
- आओ वन-उपवन विकसित करें और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
ई-अध्ययन : नई दृष्टि Summary in Hindi
ई-अध्ययन : नई दृष्टि पाठ परिचय :
प्रस्तुत पाठ एक आलेख है। जिसमें ई-अध्ययन की संकल्पना, संसाधन, उसके प्रयोग की विधियाँ, प्रयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियाँ आदि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है। साथ ही भविष्य में ई-अध्ययन की आवश्यकता को भी स्पष्ट किया है।
आज ई-संसाधनों का उपयोग हर-जगह, हर क्षेत्र में हो रहा है। शिक्षा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। इंटरनेट, मोबाइल, टैब, कंप्यूटर आदि का प्रयोग कर विद्यार्थी ज्ञान अर्जित कर रहे हैं और स्मार्ट बन रहे हैं यही बात स्पष्ट करने की कोशिश पाठ में की गई है।
ई-अध्ययन : नई दृष्टि पाठ का सारांश :
हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। मोबाइल तथा आधुनिक तकनीक भी इससे अछूती नहीं है। विद्यार्थी को उसके सकारात्मक पहलू का सदुपयोग करके ज्ञानार्जन का लाभ उठाना चाहिए। एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार उसके सामने प्रस्तुत हो जाता है।
आज इंटरनेट की कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं।
‘कम समय में बहुत सारा काम’ यह कंप्यूटर की विशेषता है। विद्यार्थी को इसे ज्ञान के स्त्रोत के रूप में देखकर पढ़ाई के लिए उपयोग में लाना चाहिए।
इंटरनेट (अंतरजाल) एक ऐसी व्यवस्था है जो सारे संसार के सरकारी, निजी, व्यावसायिक संस्था, विश्वविद्यालय के लाखों कंप्यूटर को व्यक्तिगत कंप्यूटर से जोड़ती है। डाटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान तुरंत करती है।
भारत में अनेक राज्य और अनेक भाषाएँ है इसीलिए इंटरनेट संचालन के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी तथा अन्य प्रादेशिक भाषाओं के सॉफ्टवेअर तैयार किए गए हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ के लिए वाकई में सुखद स्थिति है।
ई-लर्निंग तथा ई-अध्ययन में विद्यार्थी रुचि रखते हैं। दृक्-श्राव्य माध्यम से पढ़ाई रोचक बनती है। मनोरंजन और ज्ञान का सुंदर समन्वय देखने मिलता है। ई-बुक, ई-मैगजिन की सहायता से जहाँ चाहे, जब चाहे वहाँ पढ़ना संभव हो जाता है।
पुस्तक सँभालना नहीं पड़ता, फटने या गुम होने की संभावना नहीं रहती। ई-अध्ययन से शिक्षा की तरफ देखने की नई दृष्टि मिल गई है। आज ई-ग्रंथालय भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं जहाँ नि:शुल्क या शुल्क देकर देश-विदेश के लेखकों का साहित्य पढ़ा जा सकता है।
ई-ग्रंथालयों में ई-पुस्तकें, ई-वीडियो, वार्तापट आदि द्वारा ज्ञान उपलब्ध होता है।
आज का युग प्रतियोगिता का युग है और इसमें टिके रहने के लिए ई-अध्ययन एक वरदान है। हर विषय का ज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल-कूद पर्यावरण आदि की जानकारी ई-अध्ययन से हम ले सकते हैं। ऐसा एक भी क्षेत्र नहीं जिसकी जानकारी हमें ना मिलती हो।
कभी-कभी कुछ वेबसाइट में हमें अकाउंट खोलना पड़ता है और लॉग इन करके अध्ययन करना पड़ता है। ज्ञानमनोरंजन-करियर का त्रिवेणी संगम ई-अध्ययन है जो हमारा ज्ञान अद्यतन रखता है। समय, श्रम और आर्थिक बचत भी बड़े पैमाने पर होती है। बस निम्न सावधानियाँ हमें बरतनी चाहिए :
ई-अध्ययन : नई दृष्टि शब्दार्थ :
- तंत्रज्ञान = तकनिकी (technical knowledge),
- अंतर जाल = (internet),
- प्रतिष्ठान = संस्था (foundation),
- दृक-श्राव्य = एक साथ देखा और सुना जा सकने वाला (audio-visual),
- वार्तापट = बातचीत (chat),
- विवरण = विस्तृत जानकारी (description),
- पंजीकरण = शासन या सरकार द्वारा किया जाने वाला प्रमाणीकरण, मान्यीकरण (Registration),
- अद्यतन = नवीनतम विचारों और मान्यताओं के अनुकूल (up to date),
- प्रतियोगिता = होड़ (competition),
- पर्यावरण = जैव मंडल, वातावरण (environment),
- विवादास्पद = विवादग्रस्त (controversial),
- प्रतिबंधित = जिसपर प्रतिबंध लगा हो (restricted),
- संबोधन = पुकारना, बोध कराना (exhortation),
- गौरवान्वित = सम्मानित, महिमायुक्त (glorified),
- स्त्रोत = उद्गम स्थान, उत्पत्ति स्थान, आगार (source)