Maharashtra Board SSC Class 10 Hindi Composite Question Paper 2024 with Answers Solutions Pdf Download.
SSC Hindi Composite Question Paper 2024 with Answers Pdf Download Maharashtra Board
[Time: 2 Hours]
[Max. Marks: 50]
सामान्य निर्देश:
(1) सूचनाओं के अनुसार गद्य, पद्य तथा भाषा अध्ययन (व्याकरण) की आकलन कृतियों में आवश्यकता के अनुसार आकृतियों में ही उत्तर लिखना अपेक्षित है।
(2) सभी आकृतियों के लिए पैन का ही प्रयोग करें।
(3) रचना विभाग (उपयोजित लेखन) में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए आकृतियों की आवश्यकता नहीं है।
(4) शुद्ध, स्पष्ट एवं सुवाच्य लेखन अपेक्षित है।
विभाग 1 – गद्य : 12 अंक
प्रश्न 1.
(अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी राघवेंद्र पत्नी-बच्चों सहित अपने पैतृक कस्बे में आया हुआ है नौकरी से छुट्टियाँ न मिल पाने की मजबूरी के चलते वह चाहकर भी हफ्ता – दस दिन से ज्यादा यहाँ नहीं रुक पाता है लेकिन उसकी इच्छा रहती है कि अम्मा- बाबू जी पूरे साल नहीं तो साल में दो-तीन महीने तो उसके साथ मुंबई में जरूर रहें। बच्चों को संयुक्त परिवार मिले, दादा-दादी का भरपूर प्यार मिले। अनिता, उसकी पत्नी भी यही चाहती है। यह सोचकर उन्होंने पाँच कमरों का फ्लैट खरीदा है पर न जाने क्यों अम्मा- बाबू जी वहाँ बहुत कम जाते हैं। साल भर में एकाध बार, वह भी चंद दिनों के लिए।
“बाबू जी, आप और अम्मा चार-छह दिनों के लिए नहीं, चार-छह महीनों के लिए आया कीजिए। इतनी जल्दी लौट जाते हैं तो मन कचोटने सा लगता है।”
(1) उत्तर लिखिए : (2)
(i) राघवेंद्र की चाहत –
(1) …………
(2) …………
(ii) राघवेंद्र की मजबूरी-
(1) …………
(2) …………
(2) (i) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए: (1)
(1) अनिच्छा × …………
(2) बेचना × …………
(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानिए:
(1) पति – …………
(2) दादी – …………
(3) संयुक्त परिवार’ इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
(आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (6)
मंत्री: महाराज, लोगों की पहली शिकायत यही है कि पानी अब निर्मल नहीं रहा है। यह नदियों और गह्वरों में बहते समय गंदगी और बीमारियाँ अपने साथ बहाकर सब जगह पहुँचा देता है।
पानी: महाराज, ये लोग पहले की तरह पानी की रखवाली नहीं करते हैं। पशुओं को जोहड़ के भीतर तैरने छोड़ जाते हैं। पशु अपनी गंदगी तालाब में छोड़ जाते हैं गाँव की दूसरी गंदगी भी तालाब में फेंक दी जाती हैं। नदियों में कारखानों की गंदगी व शहर के गंदे नाले का पानी छोड़ा जाता है। महाराज, मैं अपने आप गंदा नहीं होता। मुझसे शिकायत करने वाले ही गंदा और दूषित करते हैं।
महाराजः भाइयो, आपके पास इसका क्या जवाब है ? (लोग आपस में फुसफुसाकर बातें करते हैं, फिर उनमें से एक बोलता है।)
एक: महाराज, यह तो मान लिया पर कहीं बरसना, कहीं नहीं बरसना, यह तो इस पानी की मनमानी है।
(1) आकृति पूर्ण कीजिए: (2)
(2) (i) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में प्रयुक्त समानार्थी शब्द लिखिए: (1)
(1) जानवर – …………
(2) गड्ढा – …………
(ii) निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए: (1)
(1) बीमारी – …………
(2) कारखाने – …………
(3) प्रदूषण के दुष्परिणाम’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
उत्तरः
(अ) (1) (i) राघवेंद्र की चाहत –
(1) अम्मा-बाबू जी साल में दो-तीन महीने उसके साथ मुंबई में रहें।
(2) बच्चों को संयुक्त परिवार मिले और दादा-दादी का भरपूर प्यार मिले।
(ii) राघवेंद्र की मजबूरी-
(1) नौकरी से छुट्टियाँ न मिल पाने के कारण राघवेंद्र चाहकर भी अपने पैतृक कस्बे में हफ्ता- दस दिन से ज्यादा नहीं रुक पाता है।
(2) नौकरी की वजह से वह अपने परिवार के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाता है उसे जल्दी वापस मुंबई लौटना पड़ता है।
(2) (i) (1) अनिच्छा × इच्छा
(2) बेचना × खरीदना
(ii) (1) पति पुल्लिंग
(2) दादी – स्त्रीलिंग
(3) संयुक्त परिवार में रहने से अनेक लाभ होते हैं। संयुक्त परिवार में बच्चों के लिए सर्वाधिक सुरक्षित और उचित विकास का अवसर प्राप्त होता है। एक मजबूत सहायता प्रणाली, जिम्मेदारियाँ, सामाजिक संपर्क आदि का समावेश होता है। संयुक्त परिवार में माता-पिता के साथ अन्य सदस्यों का प्यार भी मिलता है। संयुक्त परिवार में बच्चों को सामाजिक मूल्यों और सहनशीलता की शिक्षा भी मिलती है।
(आ) (1) पानी के संबंध में लोगों की पहली शिकायत
(2) (i) (1) जानवर – पशु
(2) गड्ढा – गध्वर
(ii) (1) बीमारी – बीमारियाँ
(2) कारखाने कारखाना
(3) प्रदूषण के दुष्परिणाम – प्रदूषण के कारण मनुष्य, पशु तथा पक्षियों के स्वास्थ्य पर अधिक प्रभाव पड़ता है। प्रदूषण के कारण पीने का पानी दूषित होता है। भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती हैं। प्रदूषण के दुष्परिणाम गंभीर और व्यापक होते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य तथा मनुष्य जीवन की गुणवत्ता पर भी प्रदूषण का दुष्परिणाम पड़ता है। अतः प्रदूषण को रोकने के लिए मनुष्य को सजग तथा सक्रिय रहना चाहिए।
विभाग 2 – पद्म : 8 अंक
प्रश्न 2.
(अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (4)
लाली मेरे लाल की, जित देखों तित लाल।
लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल॥
कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूँढ़े बन माहिं।
ऐसे घट में पीव है, दुनिया जानै नाहिं॥
जिन डा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
जो बौरा डूबन डरा रहा किनारे बैठ॥
जो तोको काँटा बुवै, ताहि बोउ तू फूल।
तोहि फूल को फूल है, बाको है तिरसूल॥
(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए: (2)
अ | उत्तर | आ |
1. कस्तूरी | ………… | परमात्मा |
2. काँटा | ………… | फूल |
3. लाल | ………… | मुग |
4. बौरा | ………… | पानी |
किनारा |
(2) पद्यांश के अंतिम दोहे का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
(आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (4)
क्षमामयी, तू दयामयी है, क्षेममयी है,
सुधामयी, वात्सल्यमयी तू प्रेममयी है।
विभवशालिनी, विश्वपालिनी, दुखहती है,
भयनिवारिणी, शांतिकारिणी, सुखकर्ती है।
हे शरणदायिनी देवी तू करती सबका त्राण है।
हे मातृभूमि संतान हम तू जननी, तू प्राण है॥
(1) कृति पूर्ण कीजिए:
जन्मभूमि की विशेषताएँ
(1) ………………
(2) ………………
(3) ………………
(4) ………………
(2) पद्यांश की किन्हीं चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (2)
उत्तर:
(अ) (1) उचित जोड़ियाँ :
अ | आ |
1. कस्तूरी | मृग |
2. काँटा | फूल |
3. लाल | परमात्मा |
4. बौरा | किनारा |
(2) अंतिम दोहे का सरल अर्थ – अगर कोई आपकी बुराई करता है, निंदा करता है, तो आप उस बात का उत्तर अच्छाई से दें। उसे बुरा न कहकर अच्छा ही कहे फूल बोए। जिस व्यक्ति ने अच्छाई की, उसे खुशी मिलेगी जिसने बुराई की, उसे अततः पीड़ा अर्थात् बुराई सहन करनी पड़ेगी। इस दोहे से हमें यह सीख मिलती है कि बुराई का जवाब अच्छाई से देना चाहिए, इससे हमारी आत्मा को शांति और संतुष्टि मिलती है।
(आ) (1) जन्मभूमि की विशेषताएँ
(1) क्षमामयी
(2) दयामयी
(3) सुधामय
(4) वात्सलयमयी
(2) चार पंक्तियों का सरल अर्थ – प्रस्तुत पद्यांश में भारतमाता की महिमा का गुणगान किया गया है। भारतमाता को क्षमा, दया, सुरक्षा, आशीर्वाद और प्रेम से परिपूर्ण बताया गया है। भारतमाता को समृद्धिशालिनी विश्व की पालन हारिनी दुःख दूर करने वाली, शांति प्रदान करने वाली, भय को मिटाने वाली तथा सुख देने वाली इस प्रकार विभिन्न रूपों में वर्णन किया गया है। इस कविता में भारतमाता को देवी के रूप में प्रस्तुत किया है, जो अपने सभी बच्चों को जीवन देती है। सभी का उद्धार करती है, उनको संतान के समान सभालती है। हम भारतमाता को जननी और जीवन का सार मानते है।
विभाग 3 – भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 8 अंक
प्रश्न 3.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए: (8)
(1) मानक वर्तनी के अनुसार सही शब्द छाँटकर लिखिए: (1)
(i) मस्तिष्क / मसतिश्क / मसतीश्क / मकसिष्क
(ii) विद्यापीठ / विद्यापीठ/ विद्यापिठ/विदद्यपीठ
(2) निम्नलिखित अव्ययों में से किसी एक अव्यय का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए: (1)
(i) कभी-कभी
(ii) पास
(3) कृति पूर्ण कीजिए: (1)
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | संधि भेद |
………… | सदा + एव | ………… |
अथवा | ||
संतोष | ………… | ………… |
(4) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (6)
(फूला न समाना, दंग रह जाना)
बेला के सफेद-सफेद फूलों को देखकर लेखक बहुत प्रसन्न हो गए।
अथवा
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए:
आँखें खुली रह जाना
(5) कालभेद पहचानिए तथा काल परिवर्तन कीजिए। (2)
(i) निम्नलिखित वाक्य का कालभेद पहचानिए:
गाँव वाले भी खूब परिश्रम करेंगे।
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(1) एक दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बों के चक्कर काटने लगेंगे। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(2) मुझसे बात नहीं करते हैं। (पूर्ण भूतकाल)
(6) वाक्य भेद तथा वाक्य परिवर्तन: (2)
(i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए: (1)
मजे की बात यह है कि एक समाचारपत्र के कितने उपयोग हो सकते हैं।
(ii) निम्नलिखित वाक्य का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
यह एक भोले इनसान का विश्वास था। (निषेधार्थक वाक्य)
उत्तर:
(1) (i) मस्तिष्क
(ii) विद्यापीठ
(2) (i) कभी-कभी – कभी-कभी मुझे अकेले समुद्र के किनारे टहलना पसंद है।
(ii) पास – मेरी किताबें, मेरे बैग के पास हैं।
(3)
संधि शब्द | संधि-विच्छेद | संधि भेद |
सदैव | सदा + एव | स्वर संधि |
अथवा | ||
संतोष | सम् + तोष | व्यंजन संधि |
(4) बेला के सफेद-सफेद फूलों को देखकर लेखक फूले न समाए।
अथवा
आँखें खुली रह जाना – बहुत अधिक आश्चर्य होना।
वाक्य- पहली बार ताजमहल को देखकर मेरी आँखे खुली रह गईं।
(5) (i) भविष्यत् काल
(ii) (1) एक-दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बों के चक्कर काट रहे हैं।
(2) मुझसे बात नहीं की थी।
(6) (i) मिश्र वाक्य
(ii) यह एक भोले इंसान का विश्वास नहीं था।
विभाग 4 – रचना विभाग (उपयोजित लेखन) : 12 अंक
सूचना – आवश्यकतानुसार परिच्छेद में लेखन अपेक्षित है। (12)
प्रश्न 4.
(अ) (1) पत्रलेखन : (4)
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए:
राजेश/रजनी पाटील, 105 ‘स्वागत’ नेताजी मार्ग, बीड से स्वच्छता का महत्व समझाते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखता/लिखती है।
अथवा
सुरेश / सविता पांडे, 51, गुलमोहर नगर, नाशिक से अपने विभाग के महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल के उप अभियंता के नाम पत्र लिखकर इस महीने का बिजली का बिल कुछ अधिक रकम का आने की शिकायत करता/करती है।
(2) गद्य आकलन : प्रश्न निर्मिति: (4)
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों।
महात्मा गाँधी ने पुस्तकों को व्यक्ति का सच्चा मित्र कहा है। पुस्तकों से अधिक आनंद और कहीं, किसी वस्तु में नहीं है। पुस्तकें ज्ञान का भंडार होती हैं। पुस्तकों में समाज पर प्रभाव डालने की अद्भुत क्षमता होती है। पुस्तक में ऐसी शक्ति होती है कि वह सोए देश में जागृति मंत्र फूँक दे, कमजोर मानव को बल दे, राजनेताओं पर अंकुश रखे। रूसो की पुस्तक फ्रांस में क्रांति का कारण बनी। लेनिन की पुस्तक रूस में मार्गदर्शक बनी तो गाँधी के विचार भारत को स्वतंत्र करा गए। इस प्रकार हम देखते हैं कि पुस्तकें पलभर में बादशाहत को पलटने की क्षमता रखती हैं। पुस्तकें लेखकों को अमर बना देती हैं हम आज भी सूर, तुलसी, वाल्मीकि का नाम बहुत श्रद्धा से लेते हैं। पुस्तकें अकेलेपन की साथी भी हैं क्योंकि ये अकेलेपन की भुलाए रहती हैं।
अथवा
विज्ञापन लेखन:
निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 से 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए:
(आ) निबन्ध लेखन: (4)
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए:
(1) मेरा प्रिय नेता
(2) पाठ्यपुस्तकं की आत्मकथा
उत्तर:
(अ) (1) पत्र – लेखन:
राजेश पाटील,
105 ‘स्वागत’
नेताजी मार्ग,
at 458962
दिनांक 30 अप्रैल 2024।
प्रिय भाई श्रेयश
शुभआशीर्वाद
मैं आशा करता हूँ कि तुम्हारी पढ़ाई ठीक प्रकार से चल रही होगी और तुम्हारा स्वास्थ्य भी ठीक होगा। मैं तुम्हारे बिना अकेला महसूस कर रहा हूँ परन्तु तुम्हारी पढ़ाई भी तो जरूरी है। मैं तुम्हें आज स्वच्छता के महत्त्व पर कुछ बातें समझाना चाहता हूँ।
स्वच्छता हमारे स्वस्थ जीवन शैली की नींव है। स्वच्छ परिवेश में रहने से हमारे मन तथा शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है तथा वही ऊर्जा हमारी कुशलता को बढ़ाती है।
स्वच्छता हमारे चारित्रिक विकास का एक हिस्सा है। इसलिए स्वच्छता की आदत को तुम्हें अपनाना है और दैनिक जीवन में इसका उपयोग करना है। अपने जीवन में स्वच्छता का महत्व कभी नहीं भूलोगे इस बात की मुझे उम्मीद है।
तुम्हारा बड़ा भाई
राजेश पाटील
[email protected]
अथवा
दिनांक 30 अप्रैल 2024।
सेवा में,
उप-अभियंता,
महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल,
नाशिक।
विषय: बिजली के बिल में अधिक रकम की शिकायत हेतु।
महोदय,
मैं सुरेश पांडे, 51, गुलमोहर नगर, नाशिक से आपका ध्यान इस महीने के बिजली के बिल की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ, जो काफी अधिक आया है।
हमने हमेशा की तरह इस महीने भी कोई अतिरिक्त बिजली का उपयोग नहीं किया है। घर में भी बिजली के उपकरणों का उपयोग भी सामान्य रूप से ही किया गया है। परन्तु बिल की रकम पिछले महीनों की तुलना में काफी अधिक है। मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि इस समस्या की जाँच करवाइए तथा यदि कोई गलती हो तो उसे सही किया जाए। हमारे घर का मीटर नंबर 1234567 है। अतः आपसे अनुरोध है कि इस समस्या को शीघ्रता से सुलझाने की कृपा करें।
धन्यवाद, भवदीय,
सुरेश पांडे,
51, गुलमोहर नगर,
नाशिक।
[email protected]
(2) प्रश्न निर्मिति :
(1) महात्मा गाँधी के अनुसार व्यक्ति का सच्चा मित्र किसे कहा गया है?
(2) पुस्तकें किस प्रकार समाज में अपना प्रभाव डालती हैं?
(3) पुस्तकों के बारे में महात्मा गाँधी का क्या कहना है?
(4) पुस्तकों की क्या विशेषता है जो उन्हें इतिहास में महत्वपूर्ण बनाती है?
अथवा
विज्ञापन लेखन
(आ) निबंध लेखन:
(1) मेरा प्रिय नेता
मेरे प्रिय नेता हैं महात्मा गाँधी। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गाँधी के पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनका विवाह 15 वर्ष की आयु में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कस्तुरबा गाँधी था। गाँधी जी ने बैरिस्टर बनने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से कानून की पढ़ाई की।
“अंग्रेजो भारत छोड़ो” ये बापू का नारा था लेकिन बापू हिंसा के खिलाफ थे। आजादी में बापू के योगदान के कारण उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से संपूर्ण भारत उन्हें संबोधित करने लगा। बापू साधारण जीवन जीना पसंद करते थे। वे चरखा चलाकर सूत बनाते थे और उसी से बनी धोती पहना करते थे।
विश्व स्तर पर प्रसिद्ध व्यक्ति, महात्मा गाँधी को उनकी अहिंसक, अत्यधिक बौद्धिक और सुधारवादी विचारधाराओं के लिए जाना जाता है। गाँधीजी की शिक्षा का विचार मुख्य रूप से चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों और मुफ्त शिक्षा पर केंद्रित था। वह इस विषय पर वकालत करने वाले पहले व्यक्ति थे। उनका मानना था कि शिक्षा को सभी के लिए मुफ्त और सुलभ बनाया जाना चाहिए, चाहे व किसी भी वर्ग का हो।
हिंदू-मुसलमान के बीच दंगों को रोकने के लिए गाँधीजी का प्रयत्न सफल साबित हुआ। इसके फलस्वरूप हजारों हिंदू-मुसलमान एक साथ गा उठे ‘ईश्वर – अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान।’ इस भजन द्वारा दो परस्पर विरोधी धर्मों का समन्वय करके गाँधीजी एक महान समन्वयकारी महापुरुष सिद्ध हुए।
दुनिया का संदेश सुनाने वाले कुछ महापुरुषों में महात्मा गाँधी एक थे। महात्मा गाँधी का देहांत 30 जनवरी, 1948 को हुआ। महात्मा गाँधी ‘हे राम’ कहते हुए अमर हो गए। उनकी समाधि राजघाट समाज सेवियों का तीर्थस्थल है।
(2) पाठ्यपुस्तक की आत्मकथा
वर्तमान में मैं एक पुस्तक हूँ मैं सबकी सखा हूँ। मैं नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए ज्ञान एवं मनोरंजन का स्रोत हूँ विद्यार्थियों के लिए विद्या अध्ययन करने तथा परीक्षा में सफलता प्रदान करने वाली कुँजी हूँ। मैं एक पाठ्यपुस्तक हूँ, ज्ञान के अनंत सागर में एक छोटी सी बूँद हूँ। मेरी यात्रा कागज के बेजान टुकड़ों से शुरू होकर, ज्ञान और समझ के विस्तारित विश्व में विकसित होती है।
मेरा निर्माण विद्वानों और शिक्षकों की गहन शोध और समझ के आधार पर हुआ है। प्रत्येक पृष्ठ पर जो ज्ञान समेटा है, वह वर्षों की तपस्या और अनुभव का परिणाम है। मैं छात्रों का भविष्य हूँ, उनके सपनों को भविष्य तक ले जाने वाला ब्रिज हूँ।
मेरे पन्नों को पलटते हुए, छात्र नई दुनिया का अन्वेषण करते हैं, नए विचारों से परिचित होते हैं। मैं छात्रों को सोचने की कला सिखाती हूँ। मेरा उद्देश्य छात्रों को जीवन के प्रति सजग और संवेदनशील बनाना है। जब कोई छात्र मेरे पन्नों में छिपी समझ को पहचानता है और उससे अपने जीवन में परिवर्तन लाता है, तो मेरा अस्तित्व सार्थक हो जाता है। यही है मेरी आत्मकथा। मैं निरंतर छात्रों के जीवन में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हूँ, उनके सपनों तथा आकांक्षाओं को साकार करने में उनका साथ देती हूँ। मेरा अस्तित्व उनकी सफलता में छिपा है और मैं उनकी प्रगति के साथ ही अपने अस्तित्व को सार्थक मानती हूँ।